पुरानी पेंशन के पुनरीक्षण को लेकर पेंशनर्स आन्दोलित
प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को ज्ञापन सौंपा
वाराणसी (जनवार्ता)|संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति, उत्तर प्रदेश के आह्वान पर समिति की मण्डलीय शाखा वाराणसी की एक बैठक बुधवार को शास्त्री घाट, कचहरी के निकट आयोजित की गई। बैठक प्रातः 10 बजे से 11 बजे तक इंजी. एस.डी. मिश्र, मण्डलीय संयोजक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जबकि संचालन जनपदीय संरक्षक अवध नारायण पाण्डेय ने किया।

बैठक में वक्ताओं ने केन्द्र सरकार के वित्त मंत्रालय (व्यय विभाग) द्वारा 3 नवम्बर 2025 को जारी राजपत्र अधिसूचना पर गहरी नाराजगी जताई। वक्ताओं ने कहा कि अधिसूचना के अनुसार 1 जनवरी 2026 से पूर्व पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत आने वाले पेंशनरों की पेंशन के पुनरीक्षण को आठवें केन्द्रीय वेतन आयोग की परिधि से बाहर कर दिया गया है, जबकि पूर्व में ऐसा कभी नहीं हुआ। इस निर्णय से केन्द्र एवं राज्य सरकार के पेंशनरों में व्यापक असंतोष व्याप्त है।
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार लंबे समय से लंबित पेंशनरों की 11 सूत्रीय मांगों पर भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। इनमें राशिकरण की बहाली अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 11 वर्ष करना, 65, 70 एवं 75 वर्ष की आयु पर क्रमशः 5 प्रतिशत, 10 प्रतिशत एवं 15 प्रतिशत पेंशन वृद्धि, वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में मिलने वाली छूट की बहाली तथा कोरोना काल में फ्रीज की गई महंगाई राहत की तीन किस्तों के एरियर का भुगतान प्रमुख रूप से शामिल हैं।
बैठक के उपरान्त पेंशनर्स ने जिलाधिकारी, वाराणसी को प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री, भारत सरकार के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा तथा अनुरोध किया कि उक्त ज्ञापन को अपने स्तर से अग्रेषित करने का कष्ट करें। इसके बाद पेंशनर्स जुलूस के रूप में पेंशनर्स दिवस कार्यक्रम स्थल, कोषागार कार्यालय, वाराणसी के लिए प्रस्थान कर गए।
बैठक में समिति से सम्बद्ध विभिन्न संगठनों—उ.प्र. पेंशनर्स कल्याण संस्था, सेवानिवृत्त डिप्लोमा इंजीनियर्स कल्याण संघ, विद्युत पेंशनर्स परिषद, उ.प्र. सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक कल्याण परिषद, उ.प्र. राजकीय सिविल पेंशनर्स परिषद, कामर्शियल टैक्स (रिटायर्ड ऑफिसर्स) एसोसिएशन, पी.डी.एस. (रिटायर्ड ऑफिसर्स) वेलफेयर एसोसिएशन सहित अन्य संगठनों ने सहभागिता की।
बैठक को इं. शमसुल आरफिन, इं. आर.पी. मिश्र, इं. अवधेश मिश्र, डॉ. रामानन्द दीक्षित, रामा यादव, इं. डी.एल. श्रीवास्तव, डॉ. परमहंस मिश्र, इं. एस.एन. मणि, नागेन्द्र सिंह, हीरालाल, एस.एस. श्रीवास्तव, यू.पी. सिंह, अवध नारायण पाण्डेय, इं. हरिशंकर यादव, अमरदेव, प्रभाकर दुबे, शिव प्रकाश, वी.एन. त्रिपाठी, दयाशंकर सिंह यादव, लल्लन सिंह, रामचन्द्र गुप्ता एवं श्रीमती शैलकुमारी सहित अन्य वक्ताओं ने सम्बोधित किया।

