बीएचयू को वैश्विक स्तर पर ले जाना प्राथमिकता : कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी
-शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर, ईमानदारीपूर्वक प्रयास करना आवश्यक
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 29वें कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने गुरुवार को समिति कक्ष-1 में अपनी पहली प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि त्वरित संवाद, टीम के साथ समन्वय और समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता, समय पर सही निर्णय लेने की कुंजी है।
उन्होंने बताया कि बीएचयू एक विशिष्ट शिक्षण और अनुसंधान संस्थान है, जिसकी स्थापना महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जैसे दूरदर्शी शिक्षाविद् ने की थी। जहाँ विश्वविद्यालय को महान शिक्षकों की परंपरा ने आकार दिया है और अब नई नेतृत्व टीम की जिम्मेदारी है कि वह इस विरासत को और आगे ले जाए।
वार्ता में बताया कि विश्वविद्यालय की विशालता, विषयों की विविधता और गौरवशाली इतिहास इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। हमें इन आधारों पर नई संभावनाएं खोजनी होंगी और उन्हें मूर्त रूप देना होगा। उन्होंने साझा लक्ष्य के रूप में बीएचयू को देश-विदेश के प्रतिभाशाली छात्रों और शिक्षकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने की बात कही।
कुलपति ने कहा कि शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर, ईमानदारीपूर्वक प्रयास करना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय की छवि और प्रतिष्ठा को और सशक्त बनाने पर जोर दिया।
प्रो. चतुर्वेदी ने कहा कि भले ही उनका अधिकांश करियर आईआईटी संस्थानों में बीता है, लेकिन बीएचयू में कुलपति के रूप में लौटना उनके लिए एक भावनात्मक अनुभव है क्योंकि यहीं से उनके तीन दशक लंबे पेशेवर जीवन की शुरुआत हुई थी।
इस दौरान कुलपति ने बीएचयू के मजबूत शोध तंत्र, पेटेंट, तकनीकी हस्तांतरण और स्टार्टअप्स के इनक्यूबेशन को समाज के लिए उपयोगी बनाने की बात कही। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र पूरी दुनिया में फैले हैं, जिनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरना भी जरूरी है।