बिजली कर्मियों का 267वें दिन भी निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन
निर्णायक संघर्ष का ऐलान
वाराणसी (जनवार्ता)। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बनारस के बिजली कर्मियों ने 267वें दिन भी सभी कार्यालयों पर निजीकरण के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने चेताया कि पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण से 76,500 कर्मियों की नौकरी पर खतरा है।
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के बाद दिए जा रहे तीन विकल्प—निजी कंपनी में नौकरी, अन्य निगमों में समायोजन या स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति—बिजली कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। दिल्ली और चंडीगढ़ के उदाहरण देते हुए समिति ने दावा किया कि निजीकरण से बड़े पैमाने पर कर्मियों को मजबूरन नौकरी छोड़नी पड़ी थी।
कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि वे उपभोक्ताओं की सेवा भी करेंगे और अपने अधिकारों के लिए निर्णायक संघर्ष भी लड़ेंगे। उनका कहना है कि जब तक निजीकरण का फैसला वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।