आला रे आला गणपति मौर्या | श्रद्धा, उत्सव और आनंद का पावन गीत
“आला रे आला गणपति मौर्या” भजन श्री गणेश जी के आगमन का उल्लासपूर्ण गीत है। यह हमें सिखाता है कि जब बप्पा हमारे घर आते हैं, तो हर ओर खुशियाँ, शांति और सकारात्मकता फैल जाती है। यह भजन भक्तों के उत्साह और आस्था का प्रतीक है। इसे गाते समय ऐसा लगता है जैसे गणपति बप्पा स्वयं हमारे द्वार पर पधार रहे हों और समस्त विघ्न दूर कर रहे हों।
आला रे आला गणपति आला,
दयालु कृपालु बड़े दिल वाला,
ले आओ लड्डू और फूल माला………
घरघर आज खुशिया है छाई,
गणपति की मूरत घर मे जो आई,
मिलजुलकर लोग दे रहे बधाई,
सारा जहा गणपति को पूजे,
चाहे हो मुबई या पटियाला,
आला रे आला गणपति आला…..
कोई जल चढ़ाते तो कोई मेवा,
हर कोई गणपति करता है सेवा,
गुज रहा है जय जय जय देवा,
गणपति बप्पा जय देवा जय देवा,
आया है सबको सुख देने वाला,
सबका विध्न हरने वाला,
आला रे आला गणपति आला………
पूजन व गायन की विधि
- भजन गाने से पहले श्री गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएँ।
- फूल, दूर्वा और मोदक अर्पित करें।
- “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का उच्चारण करें।
- फिर उत्साह और प्रेम से “आला रे आला गणपति मौर्या” भजन गाएँ।
- ढोलक, मंजीरे या ताली की थाप के साथ यह गीत और भी आनंदमय बन जाता है।
- अंत में बप्पा से बुद्धि, ज्ञान और सफलता का आशीर्वाद माँगें।
लाभ
- मन में ऊर्जा, उत्साह और सकारात्मकता का संचार होता है।
- घर और कार्यस्थल में शुभता और सौभाग्य बढ़ता है।
- विघ्न, बाधाएँ और नकारात्मकता दूर होती है।
- परिवार में एकता और प्रेम का वातावरण बनता है।
- श्री गणेश जी की कृपा से कार्यों में सफलता और शांति प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
“आला रे आला गणपति मौर्या” भजन केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक उत्सव है — भक्ति, उल्लास और विश्वास का। जब इसे सच्चे भाव से गाया जाता है, तो ऐसा लगता है जैसे बप्पा हमारे जीवन में स्वयं प्रवेश कर रहे हों और हर दुख हर रहे हों। यह भजन हमें यह सिखाता है कि जब भी जीवन में कठिनाई आए, बस “गणपति बप्पा मोरया” का नाम लो — और सब कुछ मंगलमय हो जाता है।