आए राम मेरे | प्रभु श्रीराम के स्वागत और भक्ति का मधुर भजन
“आए राम मेरे” भजन एक भक्त के गहरे भावों को दर्शाता है, जब वह प्रभु श्रीराम के आगमन की प्रतीक्षा करता है। यह भक्ति गीत आत्मा की उस पुकार को प्रकट करता है जो सच्चे प्रेम और समर्पण से ईश्वर को पुकारती है। इस भजन में श्रद्धा, भाव और भक्ति का ऐसा संगम है जो हर हृदय को छू लेता है। इसे गाते समय ऐसा अनुभव होता है मानो स्वयं श्रीराम हमारे द्वार पर पधार रहे हों।

आये हैं राम मेरे राम राम,
आये हैं राम मेरे राम राम,
आये हैं राम मेरे राम राम,
आये हैं राम मेरे राम राम………
कितनी बरस रहे,
दूर वो घर से,
जिनके दर्श को,
नैना तरसे,
देश ये सारा,
कहने को उनका,
पर ना मिला,
एक भूमि का तिनका,
समय का पहिया,
घूम गया फिर,
पहुंचा अयोध्या,
उनका नाम………
आये राम मेरे राम मेरे राम,
आये राम मेरे राम मेरे राम,
आये राम मेरे राम मेरे राम,
आये राम मेरे राम मेरे राम………
दीप जलाओ,
मंगल गाओ,
नाम जपो सब,
सुबह शाम,
राह में प्रेम की,
फूल सजाओ,
मिलकर बोलो,
जय सियाराम,
खत्म हुई,
वनवास की अवधी,
अपने घर में आये राम………
आये राम मेरे राम मेरे राम,
आये राम मेरे राम मेरे राम,
आये राम मेरे राम मेरे राम,
आये राम मेरे राम मेरे राम………
गंदगी नदिया से धो पावन,
आई शीला है शालिग्राम,
उसमे बसे हैं दशरथ नंदन,
कौशल्या मां के श्री राम,
खत्म हुई,
वनवास की अवधी,
अपने घर में आये राम………
आये राम मेरे राम मेरे राम,
आये राम मेरे राम मेरे राम,
आये राम मेरे राम मेरे राम,
आये राम मेरे राम मेरे राम……
पूजन व गायन की विधि
- प्रातः या संध्या के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- श्रीराम और माता सीता के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएँ।
- फूल और तुलसी-दल अर्पित करें।
- “श्रीराम जय राम जय जय राम” मंत्र का जप करें।
- फिर प्रेम और भाव से “आए राम मेरे” भजन गाएँ या सुनें।
- अंत में प्रभु श्रीराम से आशीर्वाद माँगें कि वे आपके जीवन में सदैव उपस्थित रहें।
लाभ
- मन में शांति और भक्ति का भाव गहरा होता है।
- आत्मा में ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव होता है।
- नकारात्मक विचार और दुख दूर होकर सकारात्मकता बढ़ती है।
- घर में सुख, सौहार्द और समृद्धि का वातावरण बनता है।
- श्रीराम जी की कृपा से जीवन में दिशा और संतुलन आता है।
निष्कर्ष
“आए राम मेरे” केवल एक भजन नहीं, बल्कि भक्ति की सच्ची पुकार है — जब हृदय प्रभु को प्रेम से बुलाता है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि जब भी मन से श्रीराम का स्मरण किया जाता है, वे अवश्य आते हैं और जीवन को शांति और आनंद से भर देते हैं। इसे श्रद्धा से गाने या सुनने से मन को दिव्य आनंद और आत्मा को ईश्वर से जुड़ने का अनुभव होता है।

