बालाजी मनै रस्ता दे दे | श्रद्धा, विश्वास और मार्गदर्शन की सच्ची पुकार
“बालाजी मनै रस्ता दे दे” — यह पंक्ति केवल एक पुकार नहीं, बल्कि एक भक्त का अपने प्रभु से आत्मीय संवाद है। जब जीवन की राहें धुंधली पड़ जाती हैं, तब भक्त बालाजी से विनती करता है कि वे उसे सही दिशा दिखाएँ। यह भाव हमें सिखाता है कि जब मन भ्रमित हो, तब केवल आस्था ही वह दीपक है जो अंधकार को मिटा सकता है। बालाजी महाराज करुणा के सागर हैं, जो अपने भक्तों को सदैव सही राह पर चलने की प्रेरणा देते हैं।

हो के बुझेगा मन की बाबा मेरा रूस गया भगवान,
बालाजी मनै रस्ता दे दे तेरा गुण भूलू ना शान…….
इन भुतां ने हो मेरे बाबा मेरी करदी रे रे माटी,
बाबा हो मेरा कोए नहीं स मेरी दुख मे पाटः छाती,
कोई नहीं स मेरा हिमाती इब तुँ ही बचाले जान,
हो बाबा मन्नै रस्ता दे दे तेरा गुण भुलुं ना शान…….
कोई नहीं मेरा भाई चारा मैं आण पड़या सुं दर पे,
बाबा हो मेरी धीर बंधादे मेरे हाथ टेकदे सिर पे,
आण पड़या सुँ तेरे दर प यो नफरत करः जहान,
बालाजी मनै रस्ता दे दे तेरा गुण भूलू ना शान…….
दुनिया के मह डंका बाजे हो बाबा तेरे नाम का,
हो रामायण मैं लिख राखी से तू सच्चा सेवक राम का,
प्रेत राज और भैरों बाबा तेरे दूत वीर बलवान,
बालाजी मनै रस्ता दे दे तेरा गुण भूलू ना शान…….
राम किशन कह तेरे द्वार की मने लीला लागि प्यारी,
हो बाबा कृपा कर के कदे तू म्हारे आजा गाम सुनारी,
हो दिल मैं आशा भारी तुम कृपा करो भगवान,
बालाजी मनै रस्ता दे दे तेरा गुण भूलू ना शान…….
विधि
- स्थान की तैयारी: घर या मंदिर में बालाजी महाराज के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएँ।
- प्रारंभ: “जय श्री बालाजी महाराज की” तीन बार उच्चारण करें।
- स्मरण: श्रद्धा से कहें — “बालाजी मनै रस्ता दे दे, सही राह दिखा दे।”
- ध्यान: कुछ क्षण मौन रहकर मन को शांत करें और अपने प्रश्न या परेशानी को मन ही मन प्रभु के चरणों में अर्पित करें।
- भजन या जप: “बालाजी मनै रस्ता दे दे” पंक्ति का भावपूर्ण गान करें या 11 बार जप करें।
- समापन: अंत में प्रसाद अर्पित करें और बालाजी से आशीर्वाद माँगें कि वे आपके जीवन पथ को प्रकाशमय बनाएँ।
लाभ
- सही दिशा का बोध: निर्णयों में स्पष्टता और आत्मविश्वास प्राप्त होता है।
- मन की शांति: चिंता, भय और भ्रम से मुक्ति मिलती है।
- आस्था की वृद्धि: बालाजी महाराज के प्रति विश्वास और प्रेम गहराता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में आशा और प्रेरणा का संचार होता है।
- संकट निवारण: प्रभु की कृपा से कठिन समय में सहारा और समाधान मिलता है।
निष्कर्ष
“बालाजी मनै रस्ता दे दे” — यह पंक्ति एक सच्चे भक्त की पुकार है जो अपने जीवन को प्रभु की राह पर चलाना चाहता है। जब हम बालाजी से मार्गदर्शन की याचना करते हैं, तो वे हमें बाहरी ही नहीं, बल्कि आत्मिक प्रकाश भी प्रदान करते हैं।
यह भाव हमें सिखाता है कि प्रभु का रास्ता हमेशा सही होता है — बस हमें विश्वास बनाए रखना है और प्रेम से पुकारते रहना है।

