बम भोले कहना चाहिदा | शिव भक्तों की आस्था, उत्साह और दिव्य ऊर्जा का संदेश
“बम भोले कहना चाहिदा” — यह पंक्ति शिव भक्तों की उस अद्भुत ऊर्जा को दर्शाती है जो महादेव के नाम का उच्चारण करते ही मन में भर जाती है। शिव का नाम शक्ति, निर्भयता और मुक्त भाव का प्रतीक माना जाता है। कठिन समय हो या खुशी का पल, महादेव का स्मरण तुरंत मन को हल्का कर देता है और साहस से भर देता है। इस पंक्ति में वही भाव छिपा है—कि जीवन की हर स्थिति में “बम भोले” कहना चाहिए, क्योंकि यह मंत्र केवल शब्द नहीं, बल्कि ऊर्जा और विश्वास का स्रोत है।

मुल्ल ना कोई लग्गे नाम लैना चाहिदा,
बम भोले बम भोले कहना चाहिदा,
ओ बम बम भोले, बम बम भोले कहना चाहिदा।
रसना तो बोलदे नज़ारेया च रह,
शिव नाम वाले तू हुलारेया च रह,
ऐसी ही खुमारी विच रहना चाहिदा,
बम भोले बम भोले कहना चाहिदा,
ओ बम बम भोले, बम बम भोले कहना चाहिदा,
मुल्ल ना कोई लग्गे……
भोले दिया भोलिया तू गल्ला जान लै,
चरणा च लग जा ते मौजा मान लै,
मन नू टिका के सदा बहना चाहिदा,
बम भोले बम भोले कहना चाहिदा,
ओ बम बम भोले, बम बम भोले कहना चाहिदा,
मुल्ल ना कोई लग्गे……
दिल विच भोले नू बसाई रखना,
ध्यान एह्दे चरणा च लाई रखना,
कन्ना विच शिव नाम पैना चाहिदा,
बम भोले बम भोले कहना चाहिदा,
ओ बम बम भोले, बम बम भोले कहना चाहिदा,
मुल्ल ना कोई लग्गे……
धुंमा सरजीवना ओ पईआ ऐहदिया,
सारिया ते रेहमता हो रहिया ऐहदिया,
रेहमता दे सागर च रहना चाहिदा,
बम भोले बम भोले कहना चाहिदा,
ओ बम बम भोले, बम बम भोले कहना चाहिदा,
मुल्ल ना कोई लग्गे……
स्मरण करने की सरल विधि
- समय: सुबह ब्रह्ममुहूर्त, सोमवार या श्रावण मास का कोई भी दिन।
- स्थान: घर के मंदिर या शांत जगह में दीपक जलाएँ।
- प्रारंभ: तीन बार गहरी साँस लेकर मन को स्थिर करें।
- जप:
भावपूर्वक बोलें—
“बम भोले… बम भोले… बम भोले…” - ध्यान:
महादेव को ध्यान में लाएँ—गंगा धारण किए, जटाधारी, शांत और करुणामय स्वरूप में। - समापन:
उनसे हाथ जोड़कर शक्ति, शांति और संरक्षण का आशीर्वाद माँगें।
स्मरण से मिलने वाले लाभ
- मन तुरंत उत्साह और सकारात्मक ऊर्जा से भरता है।
- भय और तनाव कम होता है।
- आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।
- अंदर से स्थिरता, शांति और संतुलन मिलता है।
- भक्ति मजबूत होती है और मानसिक स्पष्टता प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
“बम भोले कहना चाहिदा” — यह पंक्ति हमें याद दिलाती है कि महादेव का नाम सदैव शक्ति देता है। इसका उच्चारण मन और वातावरण दोनों को पवित्र और ऊर्जावान बनाता है। शिव की भक्ति केवल पूजा नहीं, बल्कि एक अनुभव है—जहाँ डर समाप्त होकर भीतर अद्भुत शांति उत्पन्न होती है। सच में, महादेव के नाम से बढ़कर कोई सहारा नहीं—इसलिए हर भक्त को हर पल “बम भोले” कहने की शक्ति, भावना और खुशी अपने जीवन में बसानी चाहिए।

