मन धीर धरो, घबराओ नहीं | विश्वास रखो, प्रभु सब ठीक करेंगे
जीवन में कभी-कभी ऐसे पल आते हैं जब सब कुछ अनिश्चित और कठिन लगता है। उस समय यह वाक्य “मन धीर धरो, घबराओ नहीं” हमारे लिए संबल बन जाता है। यह संदेश हमें सिखाता है कि हर कठिनाई अस्थायी होती है और प्रभु पर भरोसा रखने वाला कभी अकेला नहीं रहता। जब मन में धैर्य और विश्वास होता है, तब संकट भी अवसर बन जाते हैं। यही भक्ति और आस्था का सार है, शांत रहो, विश्वास रखो और आगे बढ़ो।

मन धीर धरो, घबराओ नहीं,
भगवान मिलेंगे, कभी न कभी ll
भगवान मिलेंगे, कभी न कभी,
भगवान मिलेंगे, कभी न कभी l
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,
फूलों में नहीं, कलियों में नहीं,
काँटों में मिलेंगे, कभी न कभीं ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,
सूरज में नहीं, चंदा में नहीं,
तारों में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,,
गंगा में नहीं, यमुना में नहीं,
सरयू में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,,
बागों में नहीं, खलियानो में नहीं,
जंगल में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,
मंदिर में नहीं, मस्जिद में नहीं,
गुरद्वारे में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,,
मथुरा में नहीं, गोकुल में नहीं,
मेरे मन में मिलेंगे, कभी न कभी ll
मन धीर धरो,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिल रामूर्ति भोपाल
मन को स्थिर करने की साधना
- प्रातःकाल स्नान के बाद शांत वातावरण में दीपक जलाएँ।
- भगवान का ध्यान करते हुए कुछ गहरी साँसें लें।
- मन ही मन तीन बार कहें — “मन धीर धरो, घबराओ नहीं।”
- प्रभु के नाम का जप करें या शांत संगीत/भजन सुनें।
- दिनभर किसी भी परिस्थिति में खुद को याद दिलाएँ कि धैर्य ही शक्ति है।
- रात को सोने से पहले आभार व्यक्त करें — “आज का दिन प्रभु की कृपा से बीता।”
धैर्य से मिलने वाले आध्यात्मिक लाभ
- मन और विचार शांत रहते हैं, जिससे सही निर्णय लेना आसान होता है।
- तनाव और भय दूर होते हैं, और आत्मबल बढ़ता है।
- आस्था और विश्वास गहराते हैं, जिससे जीवन सकारात्मक बनता है।
- कठिन परिस्थितियों में स्थिरता बनी रहती है।
- प्रभु की कृपा और आत्मसंतोष का अनुभव होता है।
निष्कर्ष
मन धीर धरो, घबराओ नहीं यह सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि जीवन का मंत्र है। जब हम कठिनाइयों में भी शांत रहते हैं, तब ईश्वर स्वयं मार्ग दिखाते हैं। धैर्य रखने वाला व्यक्ति कभी हारता नहीं, क्योंकि उसका विश्वास उसे भीतर से मजबूत बनाता है। इसलिए, जब जीवन में अंधेरा लगे, तब अपने भीतर के दीप को याद करो और कहो।

