भज ले हरी को एक दिन तो है जाना | जीवन का सत्य और भक्ति का आधार

भज ले हरी को एक दिन तो है जाना | जीवन का सत्य और भक्ति का आधार

“भज ले हरी को एक दिन तो है जाना” यह पंक्ति हमें जीवन की नश्वरता और प्रभु भक्ति के अमर महत्व का संदेश देती है। यह याद दिलाती है कि यह संसार अस्थायी है, परंतु प्रभु का नाम अमर है। जो समय हमें मिला है, वह केवल भक्ति, प्रेम और सदाचार में लगाने के लिए है। हर सांस हमें यह अवसर देती है कि हम ईश्वर के करीब जाएँ और अपने कर्मों से जीवन को सार्थक बनाएं। जो व्यक्ति समय रहते प्रभु को याद करता है, वही सच्चे अर्थों में आत्मिक शांति प्राप्त करता है।

rajeshswari

भज ले हरी को एक दिन तो है जाना,
जीवन को यदि सफल बनाना,
भज ले हरी को एक दिन तो है जाना……

किसका गुमान करे कुछ भी ना तेरा,
किसका गुमान करे कुछ भी ना तेरा,
दो दिन का है ये रेन बसेरा,
दो दिन का है ये रेन बसेरा,
खाली हाथ आया है और खाली हाथ जाना,
भजले हरी को एक दिन तो है जाना……..

पांच तत्व की बनी तेरी काया,
पांच तत्व की बनी तेरी काया,
काया में तेरे हरी है समाया,
काया में तेरे हरी है समाया,
उसे ढूंढने को नही दूर है जाना,
भजले हरी को एक दिन तो है जाना……..

ये धन दौलत माल खजाना,
ये धन दौलत माल खजाना,
जिसपे हुआ है तू इतना दीवाना,
जिसपे हुआ है तू इतना दीवाना,
आज है तेरा कल का नही है ठिकाना,
भजले हरी को एक दिन तो है जाना…….

हरी नाम की एक ज्योति जगा ले,
हरी नाम की एक ज्योति जगा ले,
जो कुछ किया है उसे तू भुला दे,
जो कुछ किया है उसे तू भुला दे,
दास कहे गर मुक्ति जो पाना,
भज ले हरी को एक दिन तो है जाना…………

इसे भी पढ़े   बोले शंकर गौरा जी से हम भी जनानी बनेंगे

हरी नाम स्मरण की साधना

  1. समय: प्रातःकाल या रात्रि में सोने से पूर्व।
  2. स्थान: शांत और पवित्र स्थान, जहाँ मन एकाग्र हो सके।
  3. सामग्री: दीपक, जल, तुलसीदल, माला और प्रसाद।
  4. पूजन क्रम:
    • दीपक जलाकर भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण का ध्यान करें।
    • श्रद्धा से यह मंत्र बोलें — “भज ले हरी को, एक दिन तो है जाना।”
    • तुलसी दल चढ़ाकर “हरे कृष्ण हरे राम” का जप करें (कम से कम 108 बार)।
    • अंत में आरती करें और प्रभु से क्षमा तथा आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
  5. भाव: मन में विनम्रता रखें, यह भावना रखें कि प्रभु ही जीवन का सच्चा सहारा हैं।

हरी भजन से मिलने वाले शुभ फल

  • मन की शांति और आत्मिक आनंद की प्राप्ति होती है।
  • जीवन के भय, भ्रम और चिंता समाप्त होती है।
  • सदाचार, करुणा और संतोष का भाव बढ़ता है।
  • ईश्वर के प्रति गहरा संबंध स्थापित होता है।
  • हर परिस्थिति में सकारात्मकता और धैर्य का अनुभव होता है।

निष्कर्ष

“भज ले हरी को एक दिन तो है जाना” यह स्मरण कराता है कि जीवन क्षणभंगुर है, और सच्चा धन प्रभु का नाम है। सांसों की माला में हर एक सांस एक मोती है, जिसे यदि भक्ति के धागे में पिरो दिया जाए तो जीवन अमूल्य बन जाता है। प्रभु का स्मरण केवल मोक्ष का मार्ग नहीं, बल्कि मन की स्थिरता और आत्मा की पवित्रता का आधार भी है।

Shiv murti

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *