तेरा सच्चा द्वारा है घाटे वाले बालाजी | आस्था और चमत्कार का पवित्र प्रतीक
“तेरा सच्चा द्वारा है घाटे वाले बालाजी” — यह वाक्य उस अटूट विश्वास का प्रतीक है जो लाखों भक्तों के हृदय में बालाजी महाराज के प्रति बसता है। बालाजी का दरबार वह स्थान है जहाँ सच्चे मन से प्रार्थना करने वाला भक्त कभी निराश नहीं होता। यह दरबार केवल इच्छाओं की पूर्ति का नहीं, बल्कि आत्मा के शुद्धिकरण और भक्ति के जागरण का केंद्र है। जो भी वहाँ जाता है, वह अपने दुखों का बोझ हल्का कर, विश्वास और शांति का खज़ाना लेकर लौटता है। यही कारण है कि इसे “घाटे वाला बालाजी” कहा गया — जहाँ हर घाटा, प्रभु की कृपा से लाभ में बदल जाता है।

घाटे वाले बालाजी,
तेरा सच्चा द्वारा है,
घाटे वाले बालाजी,
तेरा सच्चा द्वारा है,
तेरे दर पे आये बाबा,
तेरा ही सहारा है……
सब धामों में धाम निराला,
तेरा मेहंदीपुर धाम है,
हे अंजनी के लाला,
तुझे बार बार प्रणाम है,
सुबह शाम माला रटे,
तू प्राणों से प्यारा है,
घाटे वाले बालाजी,
तेरा सच्चा द्वारा है,
घाटे वाले बालाजी,
तेरा सच्चा द्वारा है,
तेरे दर पे आये बाबा,
तेरा ही सहारा है……
भक्त तेरे दीवाने हो गए,
बाला जी तेरे प्यार में ,
तेरे जैसा संकट मोचन,
ना कोई संसार में,
सारी दुनिया में है,
डंका बाजे तुम्हारा है,
घाटे वाले बालाजी,
तेरा सच्चा द्वारा है,
घाटे वाले बालाजी,
तेरा सच्चा द्वारा है,
तेरे दर पे आये बाबा,
तेरा ही सहारा है……
दीन दयाल दया का सागर,
सीधा भोला भाला तू,
थोड़ी सी भक्ति से बाबा,
खुश हो जाने वाला तू,
माया अप्रमपार तेरी,
जानता जग सारा है,
घाटे वाले बालाजी,
तेरा सच्चा द्वारा है,
घाटे वाले बालाजी,
तेरा सच्चा द्वारा है,
तेरे दर पे आये बाबा,
तेरा ही सहारा है……
भाव से पूजा विधि
- दिन और समय: मंगलवार या शनिवार को सूर्योदय से पहले या संध्या समय पूजन सर्वोत्तम है।
- स्थान: घर में या मंदिर में बालाजी महाराज की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पूजन सामग्री: लाल फूल, दीपक, गुड़-चना, सिंदूर और तुलसी पत्ते रखें।
- प्रारंभ: तीन बार “जय घाटे वाले बालाजी महाराज की” उच्चारण करें।
- भजन या जप: श्रद्धा से “तेरा सच्चा द्वारा है घाटे वाले बालाजी” भजन गाएँ या नामजप करें।
- भावना रखें: मन में यह अनुभव करें कि आप बालाजी के सच्चे द्वार पर उपस्थित हैं, और आपकी हर चिंता प्रभु के चरणों में समर्पित हो रही है।
- समापन: अंत में प्रार्थना करें — “हे बालाजी महाराज, मेरे जीवन का हर घाटा आपकी कृपा से लाभ में बदल दें।”
इस भक्ति से मिलने वाले लाभ
- संकटों का निवारण: जीवन की कठिनाइयाँ और मानसिक परेशानियाँ कम होती हैं।
- साहस और आत्मबल: बालाजी की कृपा से मन में दृढ़ता और हिम्मत आती है।
- भक्ति और विश्वास में वृद्धि: ईश्वर के प्रति आस्था और समर्पण की भावना गहरी होती है।
- आर्थिक व मानसिक संतुलन: मन में संतोष और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
- परिवार में सुख-शांति: घर में शुभ ऊर्जा और सौहार्द का वातावरण बनता है।
निष्कर्ष
“तेरा सच्चा द्वारा है घाटे वाले बालाजी” केवल एक भक्ति वाक्य नहीं, बल्कि भक्त और भगवान के बीच अटूट विश्वास की डोर है। जब हम सच्चे मन से बालाजी महाराज के चरणों में सिर झुकाते हैं, तो हमारे जीवन के हर घाटे को प्रभु अपनी कृपा से लाभ में बदल देते हैं। उनका दरबार वह स्थान है जहाँ आस्था को उत्तर और भक्ति को फल मिलता है। जो वहां झुकता है, वह उठकर नया आत्मविश्वास, शांति और कृपा लेकर लौटता है। सचमुच, बालाजी का द्वार ही है सच्चे लाभ का द्वार।

