पधारो म्हारा बालाजी | भक्ति, प्रेम और स्वागत का सुंदर भाव

पधारो म्हारा बालाजी | भक्ति, प्रेम और स्वागत का सुंदर भाव

“पधारो म्हारा बालाजी” — यह पंक्ति उस प्रेममय भाव को व्यक्त करती है, जहाँ भक्त अपने आराध्य हनुमान जी से कहता है कि वे उसके घर, मन और जीवन में विराजें। यह केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक हृदय की पुकार है जो सच्चे प्रेम और श्रद्धा से भरी होती है। बालाजी केवल मंदिरों में ही नहीं, बल्कि उस हर हृदय में विराजते हैं जो उन्हें प्रेम से पुकारता है। जब भक्त अपने जीवन में भगवान को सच्चे मन से आमंत्रित करता है, तब जीवन में हर दुःख मिट जाता है और सुख, शांति एवं शक्ति का संचार होता है।

rajeshswari

जय हनुमाना वीर हनुमाना,
थारी करा मैं जय जयकार,
पधारो म्हारा बालाजी,
जय हनुमाना वीर हनुमाना……..

राम जी रो थारे दरबार भावे,
श्याम जी रो थारे दरबार भावे,
अठे लग्यो है श्याम दरबार,
पधारों म्हारा बालाजी,
जय हनुमाना वीर हनुमाना……..

ध्वजा नारियल थाने चढ़ावा,
सवामणी को थने भोग लगावा,
थारी घणी करांगा मनुहार,
पधारों म्हारा बालाजी,
जय हनुमाना वीर हनुमाना……..

संकट मोचन नाम है थारो,
भगता का थे तो संकट टारो,
थारी भगता ने दरकार,
पधारों म्हारा बालाजी,
जय हनुमाना वीर हनुमाना……..

‘संजय’ कवे बाबा थारा गुण गाऊं,
थारा गुण गाऊं मैं तो हाजरी बजाऊं,
मैं तो मंगल और शनिवार,
पधारों म्हारा बालाजी,
जय हनुमाना वीर हनुमाना……..

जय हनुमाना वीर हनुमाना,
थारी करा मैं जय जयकार,
पधारो म्हारा बालाजी,
जय हनुमाना वीर हनुमाना……..

भाव से पूजन विधि

  1. दिन और समय: मंगलवार या शनिवार को सूर्योदय के समय पूजा करें।
  2. स्थान और तैयारी: घर को स्वच्छ करें, पूजा स्थान पर लाल वस्त्र बिछाएँ और बालाजी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  3. पूजन सामग्री: लाल फूल, दीपक, गुड़-चना, चोला और सिंदूर अर्पित करें।
  4. प्रारंभ: तीन बार “जय बालाजी महाराज की” कहकर भगवान का ध्यान करें।
  5. भजन या जप: प्रेमपूर्वक “पधारो म्हारा बालाजी” भजन गाएँ या स्मरण करें।
  6. भावना रखें: यह अनुभव करें कि स्वयं हनुमान जी आपके घर में विराजमान होकर आशीर्वाद दे रहे हैं।
  7. समापन: हाथ जोड़कर कहें — “हे बालाजी महाराज, मेरे मन में सदा आपका वास बना रहे।”
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इस भक्ति से मिलने वाले लाभ

  • शांति और समृद्धि: घर में सकारात्मकता और सौभाग्य का आगमन होता है।
  • भय से मुक्ति: बालाजी की कृपा से हर संकट और भय दूर होता है।
  • भक्ति की वृद्धि: मन हर समय भगवान के स्मरण में लगने लगता है।
  • साहस और शक्ति: आत्मबल बढ़ता है और जीवन में आत्मविश्वास आता है।
  • परिवार में प्रेम: घर में आपसी प्रेम, एकता और खुशहाली बनी रहती है।

निष्कर्ष

“पधारो म्हारा बालाजी” भक्ति का वह मधुर स्वर है, जो भक्त और भगवान के बीच प्रेम का सेतु बनाता है। जब हम बालाजी को अपने जीवन में सादर आमंत्रित करते हैं, तो वे केवल हमारे घर ही नहीं, हमारे मन को भी पवित्र कर देते हैं। उनकी उपस्थिति से भय मिट जाता है, और विश्वास, साहस और शांति का वास होता है। सच्चे मन से जो भी बालाजी को पुकारता है, उसके जीवन में सदैव कृपा की वर्षा होती है।

Shiv murti

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