कर ले तू शिव की भक्ति |भक्ति ही है वो मार्ग जो जीवन को शिवमय बनाता है
“कर ले तू शिव की भक्ति” — यह केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि जीवन के परम सत्य की पुकार है। जब मनुष्य संसार के मोह और तनाव से थक जाता है, तब शिव-भक्ति उसे शांति और सुकून का मार्ग दिखाती है। भगवान शिव केवल देवता नहीं, बल्कि सरलता, करुणा और क्षमा के प्रतीक हैं। उनकी भक्ति से मन निर्मल होता है, और आत्मा को वह शांति मिलती है जो किसी और मार्ग से नहीं मिल सकती। भक्ति ही वह शक्ति है जो अंधकार में भी उजाला और निराशा में भी विश्वास जगाती है।

करले तू शिव की भक्ति,
तेरे कौन काम आयेंगा,
ना दुनिया साथ जाएगी,
ना फोन काम आयेगा……….
तेरा पूरा शरीर रो रो के मर जायेगा,
तू दिल की बात किसी से ना कह पायेगा,
धन दौलत महा शौहरत से चाहकर भी तू,
खुद अपने आप को महसूस ना कर पायेगा,
ना एफ डी काम आएगी ना लोन काम आयेगा,
ना दुनिया साथ जाएगी ना फोन काम आयेगा………
यही सच्चाई है जीवन के आखरी पल की,
तुझे याद आएगी घडिया तेरे बीते कल की,
चाह कर साथ ना दे पायेगा तेरा कोई,
शिव की भक्ति ही काम आएगी बीते पल की,
भक्ति के मीठे पल का तुझे मौन याद आयेगा,
ना दुनिया साथ जाएगी ना फोन काम आयेगा……
अभी भी वक्त है शिव को बसा ले तू मन में,
कोई भी कुछ ना पा सका है इस जीवन में,
महा ज्ञानी महादानी तू है भोले शंकर,
मांग करभिक में भक्ति को भर लू दामन में,
जो तू साथ देगा ओ कौन दे पायेगा,
ना दुनिया साथ जाएगी ना फोन काम आयेगा…..
शिव-भक्ति करने की विधि
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और गंगाजल अर्पित करें।
- ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शिव चालीसा या शिव आरती का पाठ करें।
- सोमवार के दिन उपवास रखें और दिनभर शिव का नाम जपें।
- संध्या समय दीपक जलाकर भोलेनाथ से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
शिव-भक्ति के शुभ फल
- मन और आत्मा को शांति व संतुलन प्राप्त होता है।
- जीवन से नकारात्मकता और भय दूर होते हैं।
- सफलता और समृद्धि के द्वार खुलते हैं।
- पारिवारिक जीवन में प्रेम, एकता और सुख बढ़ता है।
- भव-सागर से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
निष्कर्ष
“कर ले तू शिव की भक्ति” — यह जीवन को सरल, पवित्र और सार्थक बनाने का संदेश देता है। जब हम भोलेनाथ के नाम का जप करते हैं, तो हर चिंता, भय और दुःख मिट जाता है। शिव-भक्ति केवल पूजा नहीं, बल्कि आत्मा की साधना है जो हमें ईश्वर के साक्षात्कार के करीब ले जाती है। इसलिए हर दिन कुछ पल निकालो, ‘ॐ नमः शिवाय’ का स्मरण करो, और अनुभव करो कि कैसे शिव की कृपा से जीवन दिव्यता से भर जाता है।

