ओढ़ के चुनरिया लाल मईया जी मेरे घर आना

ओढ़ के चुनरिया लाल मईया जी मेरे घर आना

“ओढ़ के चुनरिया लाल मईया जी मेरे घर आना” यह वाक्य माँ दुर्गा को हृदय से बुलाने का प्रतीक है। भक्त अपने पूरे विश्वास और प्रेम के साथ माँ से प्रार्थना करता है कि वे उसके घर आएँ और अपने आशीर्वाद से जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दें। माँ की लाल चुनरिया शक्ति, सौभाग्य और रक्षा का प्रतीक है। यह भावना नवरात्रों या किसी भी दिन माँ की उपस्थिति को अनुभव करने का माध्यम बनती है। जब माँ घर आती हैं, तो केवल घर ही नहीं, दिल भी पवित्र हो जाता है।

rajeshswari

ओढ़ के, चुनरिया लाल,
मईया जी, मेरे घर आना ॥
मईया जी, मेरे घर आना,
मईया जी, मेरे घर आना
ओढ़ के, चुनरियाँ लाल,
मईया जी, मेरे घर आना ॥

आप भी आना, गणपति जी को लाना ॥
रिद्धि सिद्धि, होंगे दयाल,
मईया जी, मेरे घर आना…
ओढ़ के, चुनरियाँ लाल…

आप भी आना, बजरंगी जी को लाना ॥
कष्टों का, टूटेगा जाल,
मईया जी, मेरे घर आना…
ओढ़ के, चुनरियाँ लाल…

आप भी आना, संग गौरा जी को लाना ॥
देखेंगे, भोले का कमाल,
मईया जी, मेरे घर आना…
ओढ़ के, चुनरियाँ लाल…

आप भी आना, संग लक्ष्मी जी को लाना,
सब, हो जाएंगे मालामाल,
मईया जी, मेरे घर आना…
ओढ़ के, चुनरियाँ लाल…
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल

माँ को घर आमंत्रित करने की पूजा विधि

  1. दिन: शुक्रवार या नवरात्रि का कोई भी शुभ दिन चुनें।
  2. स्थान: घर के पूजा स्थान को साफ करके वहाँ लाल वस्त्र बिछाएँ।
  3. सामग्री: लाल चुनरिया, चंदन, अक्षत (चावल), फूल, धूप, दीपक, कपूर, नारियल और प्रसाद।
  4. पूजन क्रम:
    • माँ की तस्वीर या मूर्ति पर लाल चुनरिया ओढ़ाएँ।
    • माँ से प्रार्थना करें — “हे मईया, आप लाल चुनरिया ओढ़कर मेरे घर पधारें और अपने आशीर्वाद से हमें सुशोभित करें।”
    • माँ के नाम का 9 बार जप करें।
    • आरती करें और प्रसाद बाँटें।
  5. भाव: पूजा के समय मन में शुद्ध भाव रखें कि माँ आपके घर और मन दोनों में विराज रही हैं।
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माँ के आगमन से मिलने वाले शुभ फल

  • माँ की कृपा से घर में सुख, शांति और सौभाग्य का आगमन होता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा और भय समाप्त हो जाते हैं।
  • परिवार में प्रेम, एकता और प्रसन्नता बनी रहती है।
  • आर्थिक और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।
  • माँ की उपस्थिति से हर कार्य में सफलता और शुभता मिलती है।

निष्कर्ष

“ओढ़ के चुनरिया लाल मईया जी मेरे घर आना” केवल एक पुकार नहीं, बल्कि एक सच्ची भक्ति की भावना है। जब हम माँ को पूरे मन से अपने जीवन में आमंत्रित करते हैं, तो वे सच में हमारे घर-परिवार में सुख, समृद्धि और प्रेम लेकर आती हैं। माँ की लाल चुनरिया हमें उनकी रक्षा और करुणा का अनुभव कराती है। सच्चे भाव से किया गया यह निमंत्रण माँ को अवश्य प्रसन्न करता है। जब माँ हमारे साथ होती हैं, तब हर कठिनाई छोटी लगने लगती है और जीवन में विश्वास, प्रकाश और आनंद भर जाता है।

Shiv murti

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