गौरी लाल गणेश तेरा गुणगान करूँ | भक्ति, श्रद्धा और कृतज्ञता का गणेश भजन
“गौरी लाल गणेश तेरा गुणगान करूँ” भजन भगवान गणेश जी की असीम महिमा और उनके करुणामय स्वभाव का बखान करता है। यह भजन भक्त के उस प्रेम और समर्पण को दर्शाता है जब वह बप्पा के सामने कृतज्ञ होकर कहता है — हे गणेश जी, मैं सदा आपका गुणगान करूँ। यह भक्ति गीत मन को शांति, आत्मा को स्थिरता और जीवन को सकारात्मकता से भर देता है।
गौरी लाल गणेश, तेरा गुणगान करूँ,
तुम हो प्रभु प्रथमेश तेरा गुणगान करूँ…..
मूषक वाहन नाम गजानन,
सबसे पहले तेरा हो पूजन,
मिट जाते सारे कलेश, तेरा गुणगान करूँ,
गौरी लाल गणेश, तेरा गुणगान करूँ……
शीश मुकुट रत्नों से चमके,
तन पर दिव्य पीताम्बरी दमके,
देता सुख का संदेश, तेरा गुणगान करूँ,
गौरी लाल गणेश, तेरा गुणगान करूँ……
ऋद्धि सिद्धि बुद्धि के दाता,
दीन दुखी के भाग्यविधाता,
शुभ मंगल सर्वेश, तेरा गुणगान करूँ,
गौरी लाल गणेश, तेरा गुणगान करूँ……
नारद सारद शीश नवाते,
साँझ सवेरे महिमा गाते,
ब्रह्मा विष्णु महेश, तेरा गुणगान करूँ,
गौरी लाल गणेश, तेरा गुणगान करूँ…..
सिद्धि विनायक गजमुख धारी,
तुम पर सारा जग बलिहारी,
अद्भुत देव गणेश, तेरा गुणगान करूँ,
गौरी लाल गणेश, तेरा गुणगान करूँ…..
पूजन व गायन की विधि
- प्रातः या संध्या के समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
- दूर्वा, मोदक और लाल फूल अर्पित करें।
- “ॐ गण गणपतये नमः” का तीन बार जप करें।
- इसके बाद श्रद्धा और प्रेम से “गौरी लाल गणेश तेरा गुणगान करूँ” भजन गाएँ या सुनें।
- अंत में गणेश जी से कृपा, बुद्धि और सफलता की प्रार्थना करें।
लाभ
- मन में भक्ति, विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- कार्यों में सफलता और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- घर में शांति, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है।
- नकारात्मक विचार और तनाव दूर होते हैं।
- गणपति बप्पा की कृपा से हर दिन मंगलमय बनता है।
निष्कर्ष
“गौरी लाल गणेश तेरा गुणगान करूँ” भजन केवल एक गीत नहीं, बल्कि भक्ति का भावपूर्ण संकल्प है — बप्पा की स्तुति और उनके प्रति आभार का प्रतीक। इसे श्रद्धा से गाने से मन को सुकून और जीवन में संतुलन मिलता है। जब हम गणेश जी का गुणगान करते हैं, तो हर कठिनाई स्वतः सरल हो जाती है और जीवन में आनंद, शांति और सफलता के द्वार खुल जाते हैं।