हनुमान गायत्री मंत्र : शक्ति, भक्ति और सुरक्षा का दिव्य मंत्र

हनुमान गायत्री मंत्र : शक्ति, भक्ति और सुरक्षा का दिव्य मंत्र

हनुमान गायत्री मंत्र भगवान हनुमान की महिमा और शक्ति का संक्षिप्त, प्रभावशाली और पवित्र रूप है। इस मंत्र के जप से मन में साहस, भक्ति और आत्मबल बढ़ता है। हनुमान जी को संकटमोचक कहा गया है, जो अपने भक्तों को सभी बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों से बचाते हैं। इस मंत्र का नियमित पाठ मानसिक शांति और कार्य सिद्धि दोनों में सहायक होता है।

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Hanuman Gayatri Mantra Lyrics

ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि,
तन्नो: हनुमान: प्रचोदयात।१

ओम् रामदूताय विद्मिहे कपिराजाय धीमहि,
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात।२

ओम् अन्जनिसुताय विद्मिहे महाबलाय धीमहि,
तन्नो: मारुति: प्रचोदयात।३

जप की विधि

हनुमान गायत्री मंत्र का पाठ कैसे करें

  • मंगलवार या शनिवार को जप करना शुभ माना जाता है।
  • प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शांत स्थान पर बैठें।
  • हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
  • मंत्र का उच्चारण श्रद्धा और भक्ति भाव से करें।
  • चाहें तो माला का प्रयोग करके 108 बार मंत्र का जप करें।
  • जप के अंत में हनुमान जी से अपने कार्य और सुरक्षा के लिए आशीर्वाद मांगें।

लाभ

हनुमान गायत्री मंत्र के लाभ

  • भय, नकारात्मकता और मानसिक अशांति दूर होती है।
  • आत्मविश्वास, साहस और कार्य सिद्धि बढ़ती है।
  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और संतुलन आता है।
  • घर और परिवार में सुख, शांति और सुरक्षा बनी रहती है।
  • हनुमान जी की कृपा से संकट और बाधाओं से रक्षा होती है।

निष्कर्ष

हनुमान गायत्री मंत्र का नियमित पाठ भक्त के जीवन में साहस, शक्ति और भक्ति लाता है। श्रद्धा और भक्ति भाव से किया गया जप न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है बल्कि कार्यों में सफलता और जीवन में स्थिरता भी लाता है। हनुमान जी की कृपा से भक्त हर विपत्ति से सुरक्षित रहता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है।

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Shiv murti

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