सेवा में छुपे हैं सुख सारे | निस्वार्थ कर्म ही सच्ची भक्ति का मार्ग
“सेवा में छुपे हैं सुख सारे” यह भाव हमें जीवन का सबसे गहरा सत्य सिखाता है — कि सच्चा आनंद किसी वस्तु या पद में नहीं, बल्कि दूसरों की भलाई में है। जब हम किसी की मदद करते हैं, किसी के चेहरे पर मुस्कान लाते हैं, तब भीतर से जो संतोष मिलता है, वही सच्चा सुख है। यह विचार केवल भक्ति का नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू का आधार है। सेवा का भाव मनुष्य को विनम्र, करुणामय और ईश्वर के निकट बनाता है। यह हमें अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज और मानवता के लिए जीना सिखाता है।

सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।
सेवा में गुजर जाये जीवन सब मिलकर ये अरदास करें।।
तन का आलस मन की हुज्जत, अभिमान की बू सेवा से मिटे।
खुशहाली छाये जीवन में, दुःख दर्द मिटे, हर रोग कटे।
जो गुरु की सेवा करते हैं, प्रभु उनके कारज आप करे।।
सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।
दो चार घड़ी की सेवा की , फिर सेवा का अभिमान किया
कुछ को जी भरकर सत्कारा , और बाकी का अपमान किया
ऐसी सेवा सुखदायी नहीं, इस बात का हम अहसास करें।।
सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।
जो सतगुरु के मन को भाये ,वो सबसे अच्छी सेवा है।
गर नित्य नियम जो निभ जाये , बस ये ही तन की सेवा है
सेवा की ज्योत जगा करके , दुनिया भर में प्रकाश करें
सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।
सतगुरु की सेवा दिलोजान से , ए दासा करते जाए हम,
जो जो भी मिले हुकुम हमको, उसे पूरा करते जाएं हम
फिर लोक सुखी, परलोक सुखी ,जीवन में आनन्द पायें हम
सेवा में छुपे हैं सुख सारे,इस बात पे हम विश्वास करें।
भाव से जीवन में सेवा अपनाने की विधि
- प्रारंभ करें: हर सुबह यह संकल्प लें कि आज आप कम से कम एक व्यक्ति की सहायता अवश्य करेंगे।
- सेवा के रूप:
- किसी जरूरतमंद को भोजन या वस्त्र देना।
- किसी बुजुर्ग या बीमार व्यक्ति की सहायता करना।
- पेड़ लगाना या पर्यावरण की देखभाल करना।
- भाव: हर सेवा करते समय मन में कहें — “यह कार्य प्रभु के लिए है, इसमें मेरा कोई अहंकार नहीं।”
- नियमितता: सप्ताह में एक दिन ‘सेवा दिवस’ रखें, जब केवल दूसरों के हित के लिए समय निकालें।
- समापन: दिन के अंत में ईश्वर का धन्यवाद करें कि आपको किसी के काम आने का अवसर मिला।
सेवा भाव से मिलने वाले लाभ
- मन को शांति और आत्मसंतोष मिलता है।
- अहंकार और तनाव स्वतः दूर हो जाते हैं।
- संबंधों में प्रेम और सद्भाव बढ़ता है।
- ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- जीवन में सकारात्मकता और सफलता का प्रवाह आता है।
निष्कर्ष
“सेवा में छुपे हैं सुख सारे” केवल एक पंक्ति नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है। जब हम दूसरों की भलाई में सुख खोजते हैं, तब जीवन स्वयं एक पूजा बन जाता है। सेवा का भाव हमें यह सिखाता है कि सच्ची खुशी देने में है, पाने में नहीं। जो मनुष्य सेवा के मार्ग पर चलता है, वह हमेशा संतुष्ट और ईश्वर के निकट रहता है। सच में, सेवा ही सबसे बड़ी साधना और सच्ची भक्ति है।

