तुम राधा नाम रटो, तो मोहन आयेंगे

तुम राधा नाम रटो, तो मोहन आयेंगे

“तुम राधा नाम रटो, तो मोहन आयेंगे” — यह पंक्ति भक्ति के उस गूढ़ रहस्य को उजागर करती है, जहाँ राधा और कृष्ण एक ही दिव्य सत्ता के दो रूप हैं। राधा का नाम प्रेम का प्रतीक है, और जब कोई मन से राधा नाम जपता है, तो श्रीकृष्ण स्वयं उस प्रेम की पुकार पर खिंचे चले आते हैं। यह भाव भक्त को बताता है कि ईश्वर तक पहुँचने का सबसे सरल मार्ग सच्चे प्रेम और भक्ति का है। राधा नाम का जप मन को पवित्र करता है, और हृदय को श्रीकृष्ण के प्रेम से भर देता है।

rajeshswari

तुम राधा नाम रटो
तो मोहन आयेंगे
आयेंगे मोहन आयेंगे
आयेंगे श्याम आयेंगे
श्री राधा प्यारी संग
मोहन आयेंगे

लाखों में वो तेरी सुनेंगे
भक्तों में सब तुमको चुनेंगे x2
बरसाने वारी संग
मोहन आयेंगे

ब्रज का छलिया है नंद किशोर
वृंदावन का माखन चोर x2
वृषभानु दुलारी संग
मोहन आयेंगे

राधा नाम की ओढ़ो चादर
भर देंगे श्याम तेरी गागर x2
श्याम जू प्यारी संग
मोहन आयेंगे

करने की सरल विधि

  1. समय: सुबह ब्रह्ममुहूर्त या संध्या का समय सर्वोत्तम माना जाता है।
  2. स्थान: शांत वातावरण में, श्रीकृष्ण-राधा की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठें।
  3. सामग्री: दीपक, अगरबत्ती, ताजे फूल और तुलसीदल रखें।
  4. प्रारंभ: तीन बार गहरी साँस लें और मन को शांत करें।
    फिर धीरे-धीरे उच्चारण करें — “राधे… राधे…”
  5. भावना: कल्पना करें कि राधा रानी के चरणों में आपका मन समर्पित है और श्रीकृष्ण मुस्कराते हुए आपके निकट आ रहे हैं।
  6. समापन: अंत में यह पंक्ति बोलें —
    “तुम राधा नाम रटो, तो मोहन आयेंगे।”
    फिर थोड़ी देर ध्यान में रहें और उनके प्रेम का अनुभव करें।
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राधा नाम जप के लाभ

  • मन को शांति और स्थिरता मिलती है।
  • हृदय में प्रेम और करुणा का भाव जाग्रत होता है।
  • जीवन से तनाव और चिंता दूर होती है।
  • ईश्वर के प्रति गहरा लगाव और निकटता महसूस होती है।
  • भक्त को भक्ति-रस और आनंद का अनुभव होता है।

निष्कर्ष

“तुम राधा नाम रटो, तो मोहन आयेंगे” — यह केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि विश्वास और प्रेम की पराकाष्ठा है। जब हम राधा का नाम लेते हैं, तो उसमें श्रीकृष्ण की उपस्थिति स्वतः समा जाती है। भक्ति का यह मार्ग हमें सिखाता है कि ईश्वर तक पहुँचने के लिए केवल हृदय की सच्चाई और प्रेम ही पर्याप्त है। राधा नाम का जप करने से मन निर्मल होता है, आत्मा उज्जवल होती है और जीवन आनंदमय बन जाता है। जब राधा रानी कृपा करती हैं, तो स्वयं मोहन उनके साथ आपके द्वार पर आ जाते हैं।

Shiv murti

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