मैया रानी आएगी ये तो पक्की बात है
“मैया रानी आएगी ये तो पक्की बात है” — यह पंक्ति उस अटूट भरोसे का प्रतीक है जो भक्त अपने हृदय में माता के लिए रखता है। जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएँ, भक्त का विश्वास कभी नहीं डगमगाता, क्योंकि उसे पता है कि सही समय पर माँ अवश्य उसकी पुकार सुनेंगी। इस वाक्य में उम्मीद, प्रेम, विश्वास और भक्ति भाव मौजूद है। यह पंक्ति मन को मजबूत करती है, दिल को सुकून देती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भर देती है।

जगराते की रात है,
सारे भक्तो का भी साथ है,
मैया रानी आएगी,
ये तो पक्की बात है,
आएगी आएगी आएगी,
मैया आएगी,
शेरो वाली आएगी,
ये तो पक्की बात है…..
लाल चुनरिया लाएंगे,
हम जगराते में आएंगे,
जगराते में आकर के,
मैया के दर्शन पाएंगे,
डरने की क्या बात है,
मैया का सर पे हाथ है,
मैया रानी आएगी,
ये तो पक्की बात है…..
दर पे जो भी आएगा,
वो मन की मुरादे पायेगा,
खाली झोली लाएगा और,
भरकर झोली जायेगा,
देने वाली मात है,
मेरी क्या औकात है,
मैया रानी आएगी,
ये तो पक्की बात है……..
ढोल नगाड़ा बाजे रे और,
छोटी छोटी कन्या नाचे रे,
छोटी छोटी कन्या नाचे रे,
मैया को प्यारी लागे है,
मैया का आशीर्वाद है,
मनीष गाये सारी रात है,
मैया रानी आएगी,
ये तो पक्की बात है……….
जगराते की रात है,
सारे भक्तो का भी साथ है,
मैया रानी आएगी,
ये तो पक्की बात है,
आएगी आएगी आएगी,
मैया आएगी,
शेरो वाली आएगी,
ये तो पक्की बात है………
भक्ति-विधि
- समय: नवरात्रि, शुक्रवार या भोर का समय अत्यंत शुभ है।
- स्थान: घर के मंदिर में या माँ की तस्वीर के सामने दीपक जलाएँ।
- सामग्री: लाल चुनरी, कुमकुम, चावल, फूल, धूप–दीपक, नारियल और मिठाई।
- प्रारंभ: तीन बार “जय माता दी” बोलकर मन को शांत करें।
- भक्ति:
श्रद्धा से कहें —
“मैया रानी आएगी ये तो पक्की बात है।”
इसके साथ माँ का चालीसा, मंत्र या भजन गाएँ। - समापन: अपनी मनोकामना माँ के चरणों में रखते हुए कहें —
“माँ, मुझे सही समय पर मार्गदर्शन और आशीर्वाद देना।”
इस भाव से मिलने वाले लाभ
- मन में उम्मीद और सकारात्मकता बढ़ती है।
- आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति बढ़ती है।
- चिंता, भय और निराशा दूर होती है।
- घर में शांति और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
- माँ की कृपा से कठिन परिस्थितियाँ सरल होने लगती हैं।
निष्कर्ष
“मैया रानी आएगी ये तो पक्की बात है” — यह पंक्ति हमें याद दिलाती है कि माँ कभी भी अपने भक्तों को अकेला नहीं छोड़तीं। सही समय आने पर वह हर हाल में मदद करती हैं और जीवन में नई राहें खोल देती हैं। जब मन में यह विश्वास हो कि माँ आएगी ही, तो समस्याएँ भी छोटी लगने लगती हैं और शक्ति स्वतः मिल जाती है। सच में, माँ की कृपा समय नहीं देखती—बस दिल की पुकार देखती है, और उसी पुकार पर माँ तुरंत आशीर्वाद देती हैं।

