जदे खेडदी ते खन मन करदा के चूड़ा मां दा लाल रंगदा
“जदे खेडदी ते खन मन करदा के चूड़ा मां दा लाल रंगदा” यह भाव माँ की करुणा और स्नेह की झलक है। जैसे माँ अपने बच्चे के हर खेल, हर खुशी में साथ होती है, वैसे ही माँ की उपस्थिति हमारे हर पल को रंगीन और शुभ बना देती है। माँ का लाल चूड़ा प्रेम, सौभाग्य और आशीर्वाद का प्रतीक है — जो भक्त के जीवन में शक्ति और आनंद का संचार करता है। जब भी मन माँ की याद में भीग जाता है, तो लगता है जैसे जीवन फिर से ममता की छाया में लौट आया हो।

जदो खेड्दी ते खनमन करदा के चूड़ा मां दा लाल रंगदा
के चूड़ा मां दा लाल रंगदा-2
जदो खेल्दी ते…………..
गणपति कहदे रिद्धि सिद्धि नू तू क्यों चूड़ा मंगदी
हो जेहड़ी रहदी गुफा दे अन्दर ओ चूड़े नल सजदी
हो जदी खेडदी ते…… जय हो
जदो खेड दी ते खनमन करदा चूड़ा मां दा लाल रंग दा
हो चुड़ा मां दा लाल रंगदा-2
जदो खेड्दी …………….
रामजी कहदे सीता मां नू तू क्यों चूड़ा मंगदी न-2
हो जेड़ी रहदी गुफा दे अन्दर ओ चूड़े नल सजदी-2
जदो खेडदी ते…….. जय हो
जदो खेडदी ते खनमन करदा के चूड़ा मां दा लाल रंगदा
शाम जी कहदे राधा मां नु तु क्यों चूड़ा मंगदी-2
जेड़ी रहदी गुफा दे अन्दर ओ चूड़े नल सजदी-2
जदो खेडदी ते…… जय हो
जदो खेडदी ते खनमन करदा के चूड़ा मां दा लाल रंगदा
ही चूड़ा मां दा लाल रंगदा हो चूड़ा मां दा लाल रंगदा
शिवजी कह दे गौरा मां नु तू क्यों चूड़ा मंगदी-2
जेड़ी रहदी गुफा दे अन्दर ओ चूड़े नल सज्दी-2
जदो खेडदी ते…… जय हो
जदी खेडदी ते खनमन करदा के चूड़ा मां दा लाल रंगदा
हो चूड़ा मां दा लाल रंग दा के चूड़ा मां दा लाल रंगदा
हो जदो खेडदी ते खन मन कर दा
के चूड़ा मां दा लाल रंग दा
माँ के स्नेह रूप की आराधना विधि
- दिन: शुक्रवार या नवरात्रि के किसी भी शुभ दिन।
- स्थान: घर के पूजास्थल में माँ की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाएँ।
- सामग्री: लाल फूल, लाल चुनरिया, मेवा, कपूर, कुमकुम, और प्रसाद (हलवा-पूरी)।
- पूजन क्रम:
- माँ को लाल चुनरिया और चूड़ा अर्पित करें।
- कहें — “हे माँ, आपका लाल चूड़ा हमारे जीवन में प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक बना रहे।”
- “जय माँ शेरांवाली” या “जय माँ दुर्गा” का 9 बार जप करें।
- आरती करें और प्रसाद सभी में बाँटें।
- भाव: पूजा करते समय मन में सच्ची कृतज्ञता और भक्ति रखें, जैसे एक बच्चा अपनी माँ से प्रेमपूर्वक बात करता है।
माँ की कृपा से मिलने वाले शुभ परिणाम
- जीवन में प्रेम, सौभाग्य और शांति का संचार होता है।
- परिवार में एकता, समृद्धि और खुशियाँ बढ़ती हैं।
- मन से भय और नकारात्मकता दूर होती है।
- भक्ति और आत्मविश्वास दोनों में वृद्धि होती है।
- माँ के आशीर्वाद से हर कार्य में सफलता और संतुलन प्राप्त होता है।
निष्कर्ष
“जदे खेडदी ते खन मन करदा के चूड़ा मां दा लाल रंगदा” यह भावना हमें यह सिखाती है कि माँ का स्नेह जीवन का सबसे सुंदर आभूषण है। माँ के आशीर्वाद से हर दुःख छोटा और हर खुशी दोगुनी लगती है। उनका लाल चूड़ा हमें यह याद दिलाता है कि माँ की ममता हर समय हमारे साथ है — जैसे एक अदृश्य शक्ति जो हमें संभालती, सहेजती और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। माँ के प्रेम का यह रंग सदा हमारे जीवन में स्थिर रहे, यही सबसे बड़ी भक्ति है।

