जय जय गिरिजा के नंदन | भोलेनाथ की कृपा और शांति का भजन
“जय जय गिरिजा के नंदन” भगवान शिव की स्तुति में रचा गया एक अत्यंत लोकप्रिय और श्रद्धापूर्ण भजन है। इसमें पार्वतीनंदन महादेव की महिमा, करुणा और भक्ति का सुंदर वर्णन मिलता है। यह भजन भक्त को यह अनुभव कराता है कि शिवजी साक्षात करुणामूर्ति हैं, जो सच्चे मन से पुकारने वाले की हर मनोकामना पूरी करते हैं। इसे गाने से मन में भक्ति, शांति और विश्वास का भाव गहरा होता है।
जय जय जय गिरिजा के नंदन,
प्रथम पूज्य तुमको अभिनंदन,
स्वीकारो प्रणाम प्रभु जी,
सुन लो विनती आज हमारी,
हे गणपति गणराज देवा,
हे गणपति गणराज…..
भक्त जनों के तुम हितकारी,
मोदक प्रिये चारभुजा धारी,
रिद्धि सिद्धि के तुम हो दाता,
सिद्धिविनायक महाराज,
हे गणपति गणराज देवा हे गणपति गणराज……
सबसे पहले तुझको मनाऊं,
तेरे चरणों में शीश झुकाऊं,
मंगल मूर्ति नाम तुम्हारा,
मंगल करते तुम सब काज,
हे गणपति गणराज देवा हे गणपति गणराज……
पूजन व गायन की विधि
- सोमवार या शिवरात्रि जैसे पावन दिनों पर विशेष रूप से इसका पाठ शुभ होता है।
- स्नान कर सफेद या हल्के वस्त्र पहनें।
- शिवलिंग या भगवान शिव के चित्र के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
- बिल्वपत्र, दूध और जल अर्पित करें।
- श्रद्धा से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें और फिर “जय जय गिरिजा के नंदन” भजन गाएँ।
- अंत में भगवान से आशीर्वाद माँगें कि वे परिवार पर कृपा और शांति बनाए रखें।
लाभ
- मन में भक्ति, शांति और संतुलन का भाव बढ़ता है।
- भय, रोग और दुख दूर होकर जीवन में स्थिरता आती है।
- शिवजी की कृपा से कार्य सिद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
- परिवार में सौहार्द और शुभता बनी रहती है।
- आत्मा को शुद्धि और ईश्वरीय ऊर्जा का अनुभव होता है।
निष्कर्ष
“जय जय गिरिजा के नंदन” भजन केवल एक आरती नहीं, बल्कि एक भक्ति अनुभव है जो शिवभक्त को ईश्वर के करीब ले जाता है। यह हमें सिखाता है कि सच्चे मन से शिवजी की आराधना करने पर जीवन की हर कठिनाई दूर हो जाती है। इस भजन को गाने से घर, मन और आत्मा में शांति और सकारात्मकता का वातावरण बनता है।