जय जय हो तुम्हारी बजरंगबली | साहस, शक्ति और अडिग भक्ति का उत्सव

जय जय हो तुम्हारी बजरंगबली | साहस, शक्ति और अडिग भक्ति का उत्सव

“जय जय हो तुम्हारी बजरंगबली” — यह पंक्ति भक्त के हृदय से निकली वह पुकार है जिसमें हनुमान जी की वीरता, शक्ति और अनंत कृपा का गुणगान किया जाता है। हनुमान जी न केवल संकटमोचन और वीरता के प्रतीक हैं, बल्कि भक्ति, सेवा और साहस का अद्भुत रूप भी हैं। जब कोई भक्त उन्हें प्रेम और श्रद्धा से याद करता है, तो मन में उत्साह, शक्ति और आत्मविश्वास जाग्रत हो जाता है। यह पंक्ति भक्त को हनुमान जी के समीप होने का अहसास कराती है।

rajeshswari

जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली,
लेके शिव रूप आना, गज़ब हो गया,
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी,
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया……

बचपन की कहानी निराली बड़ी,
जब लगी भूख हनुमत मचलने लगे,
फल समझ कर उड़े आप आकाश में,
तेरा सूरज को खाना गजब हो गया…….

कूदे लंका में जब मच गयी खलबली,
मारे चुनचुन कर असुरो को बजरंगबली,
मारडाले अच्छो को पटककर वही,
तेरा लंका जलाना गजब हो गया…….

आके शक्ति लगी जो लखनलाल को,
राम जी देख रोये लखनलाल को,
लेके संजीवन बूटी पवन वेग से,
पूरा पर्वत उठाना गजब हो गया…..

जब विभीषण संग बैठे थे श्री राम जी,
और चरनो में हाजिर थे हनुमान जी,
सुन के ताना विभीषण का अंजनी के लाल,
फाड़ सीना दिखाना गजब हो गया…..

जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली,
लेके शिव रूप आना गजब हो गया,
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी,
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया……

विधि

  1. समय: मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
  2. स्थान: हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक, धूप और फूल रखें।
  3. सामग्री: लाल फूल, सिंदूर, गुड़-चना, दीपक और तुलसी।
  4. प्रारंभ: तीन बार “जय श्रीराम” बोलकर मन को शांत करें।
  5. भक्ति:
    इस पंक्ति का जप करते हुए भाव रखें —
    “जय जय हो तुम्हारी बजरंगबली।”
    साथ में हनुमान चालीसा या भजन का पाठ कर सकते हैं।
  6. समापन: हाथ जोड़कर प्रार्थना करें —
    “हे वीर बजरंगबली, मेरी रक्षा करें और मुझे शक्ति दें।”
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हनुमान भक्ति से मिलने वाले लाभ

  • संकट और भय से मुक्ति मिलती है।
  • साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • मन शांत और स्थिर रहता है।
  • रुके हुए कार्य सिद्ध होते हैं।
  • हनुमान जी की कृपा जीवन में हमेशा बनी रहती है।

निष्कर्ष

“जय जय हो तुम्हारी बजरंगबली” — यह पंक्ति भक्त के मन से निकली भक्ति और प्रेम की अभिव्यक्ति है। हनुमान जी के नाम का स्मरण ही मन को शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। जब हम श्रद्धा और प्रेम से उन्हें याद करते हैं, तो वे हमारे हर संकट में साथ होते हैं और जीवन को उजाला और सुरक्षा से भर देते हैं। वास्तव में, बजरंगबली की महिमा पर हर भक्त गर्व करता है और उनके नाम का जप जीवन में आनंद और शक्ति लेकर आता है।

Shiv murti

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