जय शनि देव महाराज, दया हम पर रखिये
“जय शनि देव महाराज, दया हम पर रखिये” यह वाक्य उस श्रद्धा और समर्पण की आवाज़ है जो हर भक्त के हृदय से निकलती है। शनिदेव को न्याय और कर्म के देवता कहा गया है — वे हमारे कर्मों के अनुसार परिणाम देते हैं, लेकिन साथ ही वे अत्यंत दयालु भी हैं। जब कोई सच्चे मन से उनसे दया की प्रार्थना करता है, तो वे उसके जीवन से कठिनाइयों को दूर कर मार्ग प्रशस्त करते हैं। यह भाव हमें यह भी सिखाता है कि सच्ची श्रद्धा और सही कर्म ही भगवान की कृपा प्राप्त करने का मार्ग हैं।

जय शनि देव महाराज,
दया हम पर रखिये,
दया रखिये प्रभु दया रखिये,
जय जय शनि महाराज,
दया हम पर रखिये…….
सूर्य पुत्र तुम हुए शनि जी,
छाया तुम्हरी मात-शनि,
दया हम पर रखिये…
कौवे पर तुम रहे विराजे,
पहन श्याम पोशाक-शनि,
दया हम पर रखिये……
एक हाथ धनु बाण विराजे,
दूजे हाथ त्रिशूल-शनि,
दया हम पर रखिये….
भावना से पूजन की विधि
- दिन: शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
- तैयारी: प्रातः स्नान कर नीले या काले वस्त्र धारण करें।
- स्थान: शनिदेव का चित्र या मूर्ति मंदिर में या घर के पूजा स्थल पर स्थापित करें।
- दीपदान: सरसों के तेल का दीपक जलाकर, उसमें सात बत्तियाँ लगाएँ।
- मंत्र जप: श्रद्धा से कहें — “जय शनि देव महाराज, दया हम पर रखिये।”
या “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जप करें। - भोग और दान: काले तिल, उड़द दाल, तेल, या वस्त्र का दान करें और किसी जरूरतमंद की सहायता करें।
शनिदेव की दया से प्राप्त होने वाले शुभ फल
- जीवन की कठिनाइयाँ और ग्रहदोष धीरे-धीरे शांत होते हैं।
- मन में आत्मविश्वास, धैर्य और सकारात्मकता बढ़ती है।
- शनि कृपा से कार्यों में सफलता और स्थिरता आती है।
- न्यायप्रियता और कर्मशीलता की भावना गहराती है।
- भय, शत्रु और नकारात्मक विचारों से रक्षा होती है।
निष्कर्ष
“जय शनि देव महाराज, दया हम पर रखिये” यह विनम्र प्रार्थना हमें याद दिलाती है कि भगवान शनि केवल दंडदाता नहीं, बल्कि करुणा और न्याय के सागर हैं। जब हम सच्चे मन, शुद्ध कर्म और निष्ठा से उन्हें पुकारते हैं, तो वे हर कठिनाई को अवसर में बदल देते हैं। उनकी दया की छाया में जीवन स्थिर, शांत और प्रकाशमय बन जाता है। इसलिए प्रत्येक शनिवार को श्रद्धा से उनका स्मरण करें — क्योंकि उनकी कृपा से अंधकार में भी प्रकाश का मार्ग मिलता है।

