कर्मा वाले दर्शन करदे | कृपा और दर्शन की विनती
“कर्मा वाले दर्शन करदे” — यह पंक्ति उस भक्त की तड़प और प्रेम को दर्शाती है जो मां कर्मा देवी के दर्शन पाने की इच्छा से भरा है। जब मन जीवन में संघर्ष, दुख या उलझन महसूस करता है, तो भक्त को मातृ शक्ति का सहारा चाहिए होता है। यह वाक्य एक सच्चे भक्त की भावना है जो माँ से केवल इतना चाहता है कि वह उसे दर्शन दें और अपने आशीर्वाद से उसका मार्ग प्रकाशित करें। माँ कर्मा देवी की कृपा से जीवन की कठिनाइयाँ हल्की लगने लगती हैं और मन में आशा का उजाला भर जाता है।

कर्मा वाले दर्शन करदे, कंजका दे विच वसदी माँ,
जेहड़े नाम मईया दा जपदे, चरणा दे नाल लाउंदी माँ,
कर्मा वाले दर्शन करदे……..
एह गल कोई ना जाने मईया, की की खेड रचाये,
जान गया जो खेल इसदे, ओ भवजल तर जाए,
एथे भगत ध्यानु वरगया दे एह, राह पई तकदी माँ,
कर्मा वाले दर्शन करदे……..
सच्चे मन नाल सुबह शाम जो, माँ दा सुमिरन करदे,
वन स्वनिया दाता दे नाल, झोलिया दर तो भरदे,
जेहड़े सीस निवाउंदे सिर ते हथ मेहराँ दा रखदी माँ,
कर्मा वाले दर्शन करदे……..
ऋद्धिया सिद्धिया दी माँ मालिक, दर ते दाता वंडे,
ओ दर उत्ते आउंदे माँ दे, भाग जिहना दे चंगे,
जेहड़े चढ़ के चढ़ाईयां आउंदे ओहनू कोल बिठाउंदी माँ,
कर्मा वाले दर्शन करदे……..
कंजका पूजन करदे जेहड़े, थोड़ कोई ना आवे,
हो बाके नूर दे वांगु ओह, नूरो नूर हो जावे,
भगत नूर जेहे दे आपने सिर ते हथ एह रखदी माँ,
कर्मा वाले दर्शन करदे……..
दर्शन की प्रार्थना-विधि
- समय: सोमवार, शुक्रवार या किसी शुभ दिन माँ की पूजा करें।
- स्थान: घर के मंदिर में या माँ कर्मा देवी की तस्वीर/प्रतिमा के सामने दीप जलाएँ।
- सामग्री: लाल चुनरी, फूल, धूप, दीपक, नारियल, अक्षत और मिठाई।
- प्रारंभ: तीन बार “जय माँ कर्मा” बोलकर मन को केंद्रित करें।
- भक्ति:
शांत मन से यह पंक्ति कहें —
“कर्मा वाले दर्शन करदे…”
साथ में माँ की आरती, मंत्र या भजन गाएँ। - समापन: माँ से विनती करें —
“हे माँ, मुझे आपकी कृपा और सच्चे दर्शन का सौभाग्य मिले।”
माँ कर्मा देवी की भक्ति से लाभ
- मन में शांति और विश्वास बढ़ता है।
- कठिन परिस्थितियाँ सरल होने लगती हैं।
- घर-परिवार में सुख-समृद्धि और सुरक्षा बढ़ती है।
- नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता बढ़ती है।
- माँ कर्मा की कृपा से जीवन में नए अवसर खुलते हैं।
निष्कर्ष
“कर्मा वाले दर्शन करदे” — यह पंक्ति भक्त की सच्ची पुकार है, जो माँ के प्रेम और उनके आशीर्वाद की गहराई को दर्शाती है। जब भक्त पूरे प्रेम और विश्वास से माँ को याद करता है, तो वह उसकी पुकार अवश्य सुनती हैं और उसे मार्गदर्शन देती हैं। माँ के दर्शन केवल आँखों का सुख नहीं, बल्कि आत्मा का बल और मन का सहारा भी होते हैं। जो अपने हृदय में माँ को बसाए रखते हैं, वह कभी अकेले नहीं रहते — क्योंकि माँ कर्मा हमेशा उनकी रक्षा करती हैं और उनका मार्ग उजाला करती हैं।

