कार्तवीर्य अर्जुन स्तोत्र – देवता की स्तुति
कार्तवीर्य अर्जुन स्तोत्र देवता कार्तवीर्य अर्जुन को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। इसे पढ़ने से साधक को मानसिक शक्ति और साहस प्राप्त होता है। यह स्तोत्र श्रद्धा और भक्ति के माध्यम से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ाने का साधन है। नियमित पाठ से व्यक्ति में मानसिक स्थिरता और जीवन में चुनौतियों का सामना करने की क्षमता आती है। घर या मंदिर में इसका पाठ करने से वातावरण पवित्र और शांत बनता है।
Kartavirya Arjuna Stotram
कार्तवीर्यार्जुनो नाम राजा बाहुसहस्रवान्।
तस्य स्मरणमात्रेण गतं नष्टं च लभ्यते ॥1॥
कार्तवीर्यः खलद्वेषी कृतवीर्यसुतो बली।
सहस्रबाहुः शत्रुघ्नो रक्तवासा धनुर्धरः ॥2॥
रक्तगन्धो रक्तमाल्यो राजा स्मर्तुरभीष्टदः।
द्वादशैतानि नामानि कार्तवीर्यस्य यः पठेत् ॥3॥
सम्पदस्तत्र जायन्ते जनस्तत्र वशं गतः।
आनयत्याशु दूरस्थं क्षेमलाभयुतं प्रियम् ॥4॥
कार्तवीर्य महाबाहो सर्वदिष्टविबर्हण।
सर्वं रक्ष सदा तिष्ठ दुष्टान्नाशय पाहि माम् ॥5॥
सहस्रबाहुसशरं महितं
सचापं रक्ताम्बरं रक्तकिरीटकुण्डलम्।
चोरादि-दुष्टभय-नाशं इष्टदं तं
ध्यायेत् महाबल-विजृम्भित-कार्तवीर्यम् ॥6॥
यस्य स्मरणमात्रेण सर्वदुःखक्षयो भवेत्।
यन्नामानि महावीर्यश्चार्जुनः कृतवीर्यवान् ॥7॥
हैहयाधिपतेः स्तोत्रं सहस्रावृत्तिकारितम्।
वाञ्चितार्थप्रदं नृणां स्वराज्यं सुकृतं यदि ॥8॥
॥ इति कार्तवीर्य द्वादशनाम स्तोत्रम्॥
पाठ की विधि
- शुद्ध और शांत स्थान पर बैठें।
- पाठ से पहले थोड़ी देर ध्यान लगाएँ और मन को शांत करें।
- श्रद्धा भाव और भक्ति के साथ स्तोत्र का पाठ करें।
- चाहें तो माला का प्रयोग करके 108 बार या आवश्यक संख्या में पाठ किया जा सकता है।
- पाठ के बाद देवता को प्रणाम करें।
पाठ के लाभ
- मानसिक शक्ति और साहस बढ़ता है।
- जीवन में चुनौतियों का सामना करने की क्षमता आती है।
- नकारात्मक विचार और तनाव कम होते हैं।
- आध्यात्मिक विकास और आत्मबल बढ़ता है।
- घर और परिवार का वातावरण पवित्र और सुखद बनता है।
निष्कर्ष
कार्तवीर्य अर्जुन स्तोत्र का नियमित पाठ जीवन में आंतरिक शक्ति, स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। यह केवल धार्मिक पाठ नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक बल बढ़ाने का साधन है। श्रद्धा और भक्ति भाव से किया गया पाठ जीवन में संतुलन और शक्ति प्रदान करता है, और घर का वातावरण पवित्र और आनंदमय बना रहता है।