कार्तविर्य अर्जुन मंत्र – शक्ति और सुरक्षा का स्तोत्र
कार्तविर्य अर्जुन मंत्र प्राचीन हिंदू ग्रंथों में वर्णित एक शक्तिशाली मंत्र है। इसे उच्चारण करने से साधक को शक्ति, साहस और मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है। यह मंत्र व्यक्ति को नकारात्मकता और भय से बचाने का माना जाता है। श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और ध्यान की क्षमता बढ़ती है। घर में इसका नियमित पाठ वातावरण को पवित्र और शांत बनाता है।

Kartavirya Arjuna Mantra
कार्तवीर्यार्जुनॊनाम राजाबाहुसहस्रवान् …
तस्यस्मरण मात्रॆण गतम् नष्टम् च लभ्यतॆ !!
कार्तवीर्यह:खलद्वॆशीकृत वीर्यॊसुतॊबली …
सहस्र बाहु:शत्रुघ्नॊ रक्तवास धनुर्धर: !!
रक्तगन्थॊ रक्तमाल्यॊ राजास्मर्तुरभीश्टद:…
द्वादशैतानि नामानि कातवीर्यस्य य: पठॆत् !!
सम्पदस्तत्र जायन्तॆ जनस्तत्रवशन्गतह:…
आनयत्याशु दूर्स्थम् क्षॆम लाभयुतम् प्रियम् !!
सहस्रबाहुम् महितम् सशरम् सचापम्…
रक्ताम्बरम् विविध रक्तकिरीट भूषम् !!
चॊरादि दुष्ट भयनाशन मिश्टदन्तम्…
ध्यायॆनामहाबलविजृम्भित कार्तवीर्यम् !!
यस्य स्मरण मात्रॆण सर्वदु:खक्षयॊ भवॆत्…
यन्नामानि महावीरस्चार्जुनह:कृतवीर्यवान् !!
हैहयाधिपतॆ: स्तॊत्रम् सहस्रावृत्तिकारितम्…
वाचितार्थप्रदम् नृणम् स्वराज्यम् सुक्रुतम् यदि !!
॥ इति श्री कार्तवीर्यार्जुन स्त्रोत द्वादश नामस्तॊत्रम् सम्पूर्णम् !!
पाठ की विधि
- शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठें।
- ध्यान और भक्ति भाव से मंत्र का उच्चारण करें।
- चाहें तो माला का प्रयोग करके 11, 21 या 108 बार पाठ किया जा सकता है।
- पाठ करते समय मन एकाग्र और विचार शुद्ध रखें।
- अंत में हाथ जोड़कर देवता से आशीर्वाद लें।
पाठ के लाभ
- साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है।
- जीवन में नकारात्मकता और भय दूर होते हैं।
- ध्यान और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।
- घर और परिवार का वातावरण सुखद और पवित्र बनता है।
निष्कर्ष
कार्तविर्य अर्जुन मंत्र का नियमित पाठ साधक को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक बल प्रदान करता है। श्रद्धा और भक्ति भाव से इसका पाठ करने से जीवन में सुरक्षा, सकारात्मकता और संतुलन आता है। घर में मंत्र का पाठ करने से वातावरण पवित्र और आनंदमय बनता है।

