लक्ष्मी गणेश आरती: घर में सुख, समृद्धि और भक्ति पाने का सरल साधन
लक्ष्मी और गणेश जी को हिन्दू धर्म में धन, समृद्धि और शुभकार्य के देवता माना जाता है। लक्ष्मी गणेश आरती करने से न केवल घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक संतुलन भी प्राप्त होता है। जब कोई भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से Lakshmi Ganesh Aarti करता है, तो माता लक्ष्मी और भगवान गणेश दोनों की कृपा जल्दी से जीवन में प्रवेश करती है।
1. गणेश आरती
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी,
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी,
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती,पिता महादेवा॥
2. लक्ष्मी आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता,
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
Lakshmi Ganesh Aarti करने की विधि
- समय: आरती करने का समय सुबह या शाम का हो तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
- स्थान: घर के पूजा स्थल या मंदिर जैसे शांत और स्वच्छ स्थान पर आरती करना सबसे बेहतर होता है, क्योंकि शांत वातावरण में भक्त का मन पूरी तरह भक्ति में लगा रहता है।
- पूजन सामग्री: आरती के लिए दीपक, अगरबत्ती, पुष्प और हल्का प्रसाद जैसे फल या मिठाई तैयार करें।
- प्रतिमा या तस्वीर: माता लक्ष्मी और गणेश जी की प्रतिमा या तस्वीर सामने रखें और लाल या पीले रंग का कपड़ा और चंदन पूजन में रखें।
- आरती: अब दीपक जलाकर माता और भगवान के सामने रखें और हाथ जोड़कर लक्ष्मी गणेश आरती गाएं। आरती करते समय दोनों के गुणों और उनकी दिव्य शक्तियों का ध्यान करें।
- आरती समाप्ति: समाप्त होने पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को प्रणाम करें। दीपक की लौ को अपनी आंखों और माथे से लगाकर आशीर्वाद ग्रहण करें। इसके बाद प्रसाद अर्पित करें और सभी में बांटें।
आरती के लाभ
- मानसिक शांति और स्थिरता – नियमित आरती करने से मन शांत और स्थिर रहता है, और व्यक्ति जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना धैर्य और साहस के साथ कर सकता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार – आरती से घर और आसपास का वातावरण पवित्र और ऊर्जावान बनता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
- साहस और आत्मविश्वास – माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती भक्त में साहस और आत्मविश्वास पैदा करती है।
- आध्यात्मिक बल – आरती से भक्ति भाव मजबूत होता है और आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव होता है।
- सुख, समृद्धि और मंगल – नियमित आरती करने से जीवन में सुख, समृद्धि और मंगल आता है, और माता-भगवान का आशीर्वाद सभी कार्यों में सफलता दिलाता है।
Lakshmi Ganesh Aarti केवल एक पूजा या परंपरा नहीं है, बल्कि यह भक्ति, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का दिव्य साधन है। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश के आशीर्वाद से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और घर में मंगल और समृद्धि का वातावरण बनता है। आप भी श्रद्धा और भक्ति के साथ आरती करें और माता-भगवान की कृपा और संरक्षण का अनुभव अपने जीवन में महसूस करें।