मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी | प्रभु श्रीराम से करुणा और कृपा की प्रार्थना
“मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी” भजन एक भक्त की सच्ची पुकार है — जब वह अपने जीवन के दुख, संघर्ष और उम्मीदें प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित करता है। इस भजन में प्रेम, भक्ति और विश्वास की गहराई झलकती है। जब भक्त अपने हृदय की बात प्रभु से करता है, तो उसे सांत्वना और आत्मिक शांति का अनुभव होता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि भगवान श्रीराम सदा अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं, बस हमें सच्चे मन से उन्हें पुकारना होता है।

मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी, वरना जाके कचहरी अपील करूँगा,
मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी, वरना जाके कचहरी अपील करूंगा,
हार जाओगे खुद का मुकदमा प्रभु, श्री हनुमंत जी को अपना वकील करूँगा…….
दीनों का दुःख हरा, दीनबंधु हुए, कृपा दुखियों पे की, कृपासिंधु हुए,
मुझ दुखी की दशा, आप को ना दिखी, यही कहके, सभा में ज़लील करूँगा,
मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी, वरना जाके कचहरी अपील करूंगा……
जितना मैंने तुम्हारा, लिया नाम है, उतना मेरा प्रभु, ना हुआ काम है,
सामना जिस दिन, होगा हमारा प्रभु, सामने आपके दलील रखूँगा,
मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी, वरना जाके कचहरी अपील करूंगा…..
मानता हूँ की ये मेरी खुदगर्जी है, चाहता हूँ कृपा ये मेरी मर्जी है,
पवन की अर्जी, पर अब विचार करो, मैं भी दुनिया में, भक्ति की कील रखूँगा,
मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी, वरना जाके कचहरी अपील करूंगा….
मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी, वरना जाके कचहरी अपील करूँगा,
मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी, वरना जाके कचहरी अपील करूंगा,
हार जाओगे खुद का मुकदमा प्रभु, श्री हनुमंत जी को अपना वकील करूँगा……
भजन गाने की विधि
- प्रातः या संध्या के समय स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- श्रीराम और माता सीता की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
- तुलसी-दल और पुष्प अर्पित करें।
- मन को शांत करें और आँखें बंद कर श्रीराम का स्मरण करें।
- फिर प्रेम और भावना से “मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी” भजन गाएँ या सुनें।
- भजन के अंत में प्रभु से अपने जीवन की कठिनाइयों को दूर करने और शांति प्रदान करने की प्रार्थना करें।
लाभ
- मन में शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- ईश्वर के प्रति गहरा विश्वास और भक्ति का भाव उत्पन्न होता है।
- दुख और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।
- घर में सकारात्मकता और पवित्रता का वातावरण बनता है।
- श्रीराम की कृपा से जीवन में सुख, स्थिरता और संतुलन आता है।
निष्कर्ष
“मेरी विनती सुनो सांवरे राम जी” केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक भक्त का आत्मिक संवाद है। जब यह भजन सच्चे भाव से गाया जाता है, तो प्रभु श्रीराम अवश्य अपने भक्त की सुनते हैं। इस भजन का गायन आत्मा को पवित्र करता है, मन को शांत करता है और जीवन को भक्ति से भर देता है। यह हमें सिखाता है कि हर समस्या का समाधान प्रभु के चरणों में है।

