माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र – शक्ति, संयम और भक्ति का साधन
नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों में से दूसरा रूप माँ ब्रह्मचारिणी है। उन्हें तपस्या, संयम और ज्ञान की देवी माना जाता है। उनका पाठ करने से मन में धैर्य, संयम और आध्यात्मिक शक्ति आती है। Maa Brahmacharini Mantra भक्तों को मानसिक शांति और आंतरिक बल प्रदान करता है। इसलिए आपके लिए य दिव्य माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र नीचे दिया गया है-

Maa Brahmacharini Mantra
बीज मंत्र
ॐ ब्रां ब्रीं ब्रूं ब्रह्मचारिण्यै नमः॥
मंत्र
दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलु,
देवी प्रसिदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी,
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते।
ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
- स्नान और पवित्रता – पहले स्नान करें और स्वच्छ पवित्र वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल – मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उनका ध्यानपूर्वक पूजन करें।
- पुष्प और अक्षत – उन्हें पुष्प और अक्षत अर्पित करें।
- दीप और धूप – दीपक और धूप जलाकर आरती करें।
- मंत्र जाप – मंत्र माँ ब्रह्मचारिणी मंत्र का जाप करें।
- भोग और प्रसाद – भोग अर्पित करें और प्रसाद के रूप में वितरित करें।
प्रतिदिन या नवरात्रि के दौरान नियमित रूप से मंत्र का जाप करें।
मंत्र के अद्भुत लाभ
- मंत्र का जाप करने से मन शांत और स्थिर रहता है।
- मंत्र जाप से सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और जीवन में अनुशासन बना रहता है।
- भक्तिपूर्वक और नियमित मंत्र जाप करने से माँ ब्रह्मचारिणी भक्त की मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।
- मंत्र का पाठ नकारात्मक विचारों और भय को दूर करता है।
- नियमित पाठ करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- घर का वातावरण संतुलित और कल्याणकारी बनता है।
Maa Brahmacharini Mantra का नियमित पाठ जीवन में संयम, शक्ति और आंतरिक शांति लाता है। माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा से जीवन में बाधाएँ दूर होती हैं और भक्त मानसिक व आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनता है। विशेषकर नवरात्री के दिनों में इनका बहुत महत्त्व होता है तो इनका जाप इन दिनों करना बिलकुल मत भूलियेगा।

