माँ शक्तिदादी आरती | श्रद्धा, शक्ति और मातृत्व का दिव्य स्वरूप
माँ शक्तिदादी की आरती देवी शक्ति के उस रूप की वंदना है, जो भक्तों के जीवन में साहस, प्रेम और आत्मबल जगाती हैं। यह आरती मातृशक्ति के आशीर्वाद का प्रतीक है, जो अपने भक्तों की रक्षा करती है और उन्हें सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। माँ शक्तिदादी की आरती का पाठ करने से मन में भक्ति, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह आरती केवल पूजा का हिस्सा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव है जो आत्मा को स्थिर और संतुलित बनाता है।
शक्तिदादी आरती
शक्ति कोटासर धाम हैं, कलजुग के अवतार,
भलो कीजौ भक्त को, माँ विनती बारम्बार,
ॐ जय श्रीशक्ति दादी,माँ जय श्रीशक्ति दादी,
आप हो जग की माता,जगदम्बा आदि,
ओम् जय…
कोटासर में विराजत,महिमा अति भारी,
लाल चुंदड़ी सोहे,मूरत छबि प्यारी ,
ओम् जय…
जोशीकुल पर मैहर किन्ही,सब जग को तार्यो,
जो कोई शरणे आयो,सकल काज सार्यो ,
ओम् जय…
प्रगट भई कलजुग में,ब्राह्मण कुल मांई,
वंश उज्ज्वल कीन्हो,कोटासर आई ,
ओम् जय…
कुलदेवी चामुण्डा, संग भैरव सोहे
चण्ड मुण्ड विनाशिनी, दानव मति मोहे,
ओम् जय…
माना शक्तिदादी कि, जो महिमा नित वरणी ,
आरती आरत हरणी,सुख सम्पत्ति करणी,
ओम् जय…
दादी शक्ति की आरती,जो कोई नर गावे ,
रचना किन्ही श्रीराधे,दुःख दारिद जावे,
ओम् जय…
स्वर:- लक्ष्मण सिंह हरसोलाव
रचियता:- पण्डित श्रीराधे जी महाराज
आरती की विधि
- आरती प्रातः या सायंकाल के समय करना शुभ माना जाता है।
- सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को स्वच्छ करके माँ शक्तिदादी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीपक, धूप और पुष्प अर्पित करें।
- आरती से पहले “ॐ शक्तिदायै नमः” मंत्र का तीन बार उच्चारण करें।
- इसके बाद श्रद्धा और भक्ति से माँ शक्तिदादी की आरती गाएँ।
- आरती समाप्त होने के बाद प्रसाद अर्पित करें और शांति से कुछ क्षण ध्यान करें।
लाभ | माँ शक्तिदादी आरती के चमत्कारी लाभ
- भय, तनाव और मानसिक अस्थिरता से मुक्ति मिलती है।
- घर में शांति, सुख और सकारात्मकता का वास होता है।
- आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
- माँ के आशीर्वाद से सभी कार्यों में सफलता मिलती है।
- पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन और स्थिरता बनी रहती है।
निष्कर्ष
माँ शक्तिदादी की आरती केवल पूजा का एक हिस्सा नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति का साधन है। श्रद्धा और विश्वास से किया गया आरती पाठ साधक को आंतरिक शांति और आत्मबल प्रदान करता है। यह आरती माँ के स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है, जो हर भक्त के जीवन में उजाला भर देती है। माँ शक्तिदादी के आशीर्वाद से जीवन में सफलता, सुख और सकारात्मक ऊर्जा सदा बनी रहती है।