मंगल मूर्ति राम दुलारे : भक्ति, प्रेम और सुरक्षा का अद्भुत भजन
“मंगल मूर्ति राम दुलारे” भजन भगवान श्री हनुमान की महिमा का सुंदर स्तुति भजन है। इसे गाने या सुनने से भक्त का मन शांत, स्थिर और भक्ति भाव से पूर्ण होता है। इस भजन में हनुमान जी की वीरता, भक्ति और शक्ति का वर्णन है। श्रद्धा और भक्ति भाव से इसका पाठ करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और भय, संकट तथा नकारात्मकता दूर होती है। यह भजन घर और मंदिर में भक्तिमय वातावरण बनाता है।
Mangal Murti Ram Dulare Lyrics
मंगल मूरति राम दुलारे..
आन पड़ा अब तेरे द्वारे॥
हे बजरंगबली हनुमान
हे महावीर करो कल्याण
हे महावीर करो कल्याण…
तीनों लोक तेरा उजियारा
दुखियों का तूने काज सवारा।
हे जगवंदन केसरी नंदन
कष्ट हरो हे कृपा निधान।
मंगल मुरति राम दुलारे
आन पड़ा अब तेरे द्वारे।
हे बजरंगबली हनुमान
हे महावीर करो कल्याण…
तेरे द्वारे जो भी आया
खाली नहीं कोई लौटाया।
दुर्गम काज बनावन हारे
मंगलमय दीजो वरदान।
मंगल मुरति राम दुलारे
आन पड़ा अब तेरे द्वारे।
हे बजरंगबली हनुमान
हे महावीर करो कल्याण…
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा
नासे रोग हरे सब पीरा।
राम लखन सीता मन बसिया
शरण पड़े का कीजे ध्यान।
मंगल मूरति राम दुलारे
आन पड़ा अब तेरे द्वारे।
हे बजरंगबली हनुमान
हे महावीर करो कल्याण
हे महावीर करो कल्याण…
पाठ/गायन की विधि
भजन का सही तरीका
- मंगलवार या शनिवार को इस भजन का पाठ या गायन करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और शांत स्थान पर बैठें।
- हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
- श्रद्धा और भक्ति भाव से भजन का पाठ या गायन करें।
- भजन समाप्त होने के बाद हनुमान जी से आशीर्वाद और रक्षा की प्रार्थना करें।
लाभ
“मंगल मूर्ति राम दुलारे” भजन के लाभ
- भय, नकारात्मकता और संकट दूर होते हैं।
- मन में शांति, साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- कार्यों में सफलता और जीवन में स्थिरता आती है।
- घर और परिवार में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- हनुमान जी की कृपा से संकट और बाधाओं से सुरक्षा मिलती है।
निष्कर्ष
“मंगल मूर्ति राम दुलारे” भजन का नियमित पाठ या गायन भक्त के जीवन में भक्ति, शक्ति और संतुलन लाता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ किया गया पाठ हनुमान जी की कृपा को आकर्षित करता है और जीवन में सुख, सफलता और मानसिक शांति प्रदान करता है। यह भजन घर और मन दोनों को पवित्र और आनंदमय बनाता है।