तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए | शक्ति, समर्पण और अडिग भक्ति का दिव्य रूप

तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए | शक्ति, समर्पण और अडिग भक्ति का दिव्य रूप

“तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए” — यह पंक्ति भक्त के उस अटूट विश्वास को व्यक्त करती है जहाँ वह जीवन की हर कठिनाई में हनुमान जी को अपना सहारा मानता है। हनुमान जी केवल शक्ति के प्रतीक नहीं, बल्कि साहस, निष्ठा और सेवा के भी प्रतीक हैं। जब कोई भक्त उनके चरणों में समर्पण कर देता है, तब उससे बड़ा रक्षक और मार्गदर्शक कोई नहीं होता। यह भाव हम सबको प्रेरणा देता है कि जीवन में चाहे कैसी भी बाधाएँ आएँ, हनुमान जी की कृपा से सब सरल हो जाता है।

rajeshswari

तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए,
हनुमान हो लिए हनुमान हो लिए,
तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए…..

तेरे सिर पे मुकुट विराजै,
कानो में कुण्डल साजै,
खड़ताल भवन में बाजै,
देके दर्शन मोह लिए,
तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए,
हनुमान हो लिए हनुमान हो लिए,
तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए…..

बाबा की फिरगी माया,
ऐसी करदी छतर छाया,
हो मेरी आन्नद होगी काया,
दाग जिगर के धो लिए,
तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए,
हनुमान हो लिए हनुमान हो लिए,
तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए…..

तेरे गल मोतियन की माला,
तु देव बड़ा मतवाला,
तेरी जय हो बजरंग बाला,
आज सतसंग में डोलिए,
तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए,
हनुमान हो लिए हनुमान हो लिए,
तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए…..

कृष्ण लाल प्रेम सा जागै,
मन की बुरी भावना भागै,
गुरु चन्द्रभान के आगे,
दुखड़े सारे रो लिए,
तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए,
हनुमान हो लिए हनुमान हो लिए,
तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए…..

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“हनुमान भक्ति” करने की सरल विधि

  1. समय: मंगलवार और शनिवार का दिन विशेष शुभ माना जाता है।
  2. स्थान: घर के मंदिर या शांत स्थान पर हनुमान जी का चित्र/मूर्ति स्थापित करें।
  3. सामग्री: लाल फूल, चोला, चमेली का तेल, दीपक और गुड़-चना।
  4. प्रारंभ: “जय बजरंगबली” बोलकर दीपक जलाएँ और मन को शांत करें।
  5. जप/भजन:
    धीरे-धीरे इस पंक्ति को भाव से बोलें —
    “तेरी शान पे कुर्बान हनुमान हो लिए।”
    चाहें तो हनुमान चालीसा या बजरंग बाण भी पढ़ सकते हैं।
  6. समापन: अंतिम में प्रार्थना करें —
    “हे वीर हनुमान, मेरे जीवन में शक्ति, साहस और सद्बुद्धि का वास करें।”

हनुमान भक्ति के चमत्कारी लाभ

  • डर और नकारात्मकता दूर होती है।
  • मन में शक्ति, साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • बाधाएँ दूर होती हैं और कार्य सिद्ध होने लगते हैं।
  • मानसिक तनाव कम होता है।
  • हनुमान जी का रक्षक-स्नेह जीवन में सुरक्षा का अनुभव कराता है।

निष्कर्ष

यह पंक्ति भक्त के समर्पण की पराकाष्ठा को दर्शाती है। जब हम हनुमान जी की शक्ति को अपने जीवन में स्वीकार कर लेते हैं, तब कठिनाइयाँ भी छोटी लगने लगती हैं। उनका आशीर्वाद हर कदम पर मार्गदर्शन देता है और उनके नाम का स्मरण ही जीवन में अपार ऊर्जा और साहस भर देता है। हनुमान जी की भक्ति वह कवच है जो हर संकट से रक्षा करता है और भक्त के जीवन को उजाले से भर देता है।

Shiv murti

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