मेरी राधा रानी फल देगी, आज नहीं तो कल देगी | श्रद्धा, विश्वास और भक्ति का प्रेरणादायी भजन
“मेरी राधा रानी फल देगी, आज नहीं तो कल देगी” भजन भक्ति में धैर्य और विश्वास का प्रतीक है। यह गीत हमें यह सिखाता है कि जब मन सच्चे प्रेम और समर्पण से राधे रानी का नाम लेता है, तब उनकी कृपा अवश्य मिलती है — चाहे देर हो, पर अंधेर नहीं। इस भजन के शब्द उस भक्त की आस्था को दर्शाते हैं जो हर परिस्थिति में राधे रानी पर भरोसा रखता है। इसे गाने से मन में सुकून, विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
मेरी राधा रानी फल देगी
आज नहीं तो कल देगी।
राधा रानी फल देगी
आज नहीं तो कल देगी।
1) राधे-राधे गाले तू, जीवन सफल बना ले तू।
घर खुशियो से भर देगी। आज नहीं तो कल देगी
2) जीवन धूप और छाया है, सपना है कि माया है।
किस्मत तेरी बदल देगी। आज नहीं तो कल देगी
3) वो दीन पर कृपा करती है, रे मन तू काहे को डरता है।
अपनी शरण में वो रख लेगी। आज नहीं तो कल देगी
4) वो कृपामयी कहलाता है, भक्तो के मन को भाती है।
वो कान्हा से मिला देगी। आज नहीं तो कल देगी
गायन की विधि
- प्रातः या संध्या के समय राधा-कृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएँ।
- फूल, तुलसीदल और भक्ति भाव से प्रसाद अर्पित करें।
- मन को शांत करके राधे रानी का नाम लें और इस भजन का गायन करें।
- हर पंक्ति में “श्रद्धा” और “विश्वास” का भाव रखें।
- अंत में राधे रानी से अपने जीवन में मार्गदर्शन और कृपा की प्रार्थना करें।
लाभ
- मन में दृढ़ विश्वास और धैर्य का भाव उत्पन्न होता है।
- नकारात्मक विचार और चिंता दूर होती है।
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आशा का संचार होता है।
- राधे-कृष्ण की कृपा से कार्यों में सफलता और शांति प्राप्त होती है।
- यह भजन हमें याद दिलाता है कि भक्ति में समय लग सकता है, पर परिणाम निश्चित है।
निष्कर्ष
“मेरी राधा रानी फल देगी, आज नहीं तो कल देगी” केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है। यह सिखाता है कि जब हम प्रेम, विश्वास और भक्ति के साथ ईश्वर को पुकारते हैं, तो वे हमें कभी निराश नहीं करते। राधे रानी का आशीर्वाद सदा उनके भक्तों पर रहता है — बस आवश्यकता है श्रद्धा और धैर्य की। इस भजन को भावपूर्वक गाने से मन में स्थिरता, आशा और भक्ति का अमृत प्रवाहित होता है।