कृपा करो हे शनि देव | भक्ति के अधिपति भगवान शनिदेव

कृपा करो हे शनि देव | भक्ति के अधिपति भगवान शनिदेव

“कृपा करो हे शनि देव” यह वाक्य उस गहन भक्ति और विश्वास का प्रतीक है जब एक भक्त अपने जीवन की हर कठिनाई में शनिदेव की शरण में जाता है। शनिदेव केवल दंड देने वाले देवता नहीं, बल्कि दया और संतुलन के प्रतीक हैं। वे हमें हमारे कर्मों का बोध कराते हैं ताकि हम अपने जीवन में सुधार और सच्चाई का मार्ग अपनाएँ। जब हम सच्चे हृदय से शनिदेव से कृपा की प्रार्थना करते हैं, तो वे अपने भक्तों पर न्याय के साथ-साथ अपार दया बरसाते हैं।

rajeshswari

कृपा करो हे शनि देव,
कृपा करो हे शनि देव,
मझधार में है नैय्या,
मझधार में है नैय्या…..

कृपा करो हे शनि देव कृपा करो हे शनि देव,
कृपा करो हे शनि देव कृपा करो हे शनि देव….

नादानी में अनजाने में हो गई भूली,
मन ये पावन हो जाये जो चरण तुम्हरे छू ले,
चरणों में तेरे आये उपकार करो,
कृपा करो हे शनि देव,
कृपा करो हे शनि देव….

तुमसे है ये हे प्रार्थना प्रभु,
बुद्धि में हो सुद्धि सुख में होवै वृद्धि,
शरण मैं तेरे आई उद्दार करो,
कृपा करो हे शनि देव,
कृपा करो हे शनि देव….

भाव से पूजा विधि

  1. दिन: शनिवार का दिन इस प्रार्थना और उपासना के लिए श्रेष्ठ है।
  2. तैयारी: स्नान कर नीले या काले वस्त्र पहनें और मन को शांत करें।
  3. स्थान: घर के मंदिर या पीपल वृक्ष के नीचे शनिदेव का चित्र/मूर्ति स्थापित करें।
  4. दीपदान: सरसों के तेल का दीप जलाएँ, उसमें सात बत्तियाँ लगाएँ।
  5. मंत्र जप: श्रद्धा से कहें — “कृपा करो हे शनि देव, मेरे जीवन से दुःख हर लो।”
    या “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जप करें।
  6. दान: काले तिल, उड़द, तेल या वस्त्र का दान करना शुभ माना जाता है।
  7. संकल्प: अपने मन की पीड़ा शनिदेव को समर्पित कर, सही कर्म करने का निश्चय करें।
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प्रार्थना के दिव्य फल

  • जीवन में चल रही बाधाएँ और कठिनाइयाँ धीरे-धीरे कम होने लगती हैं।
  • मन में धैर्य, संयम और आत्मबल का संचार होता है।
  • शनि की कृपा से कार्यों में सफलता और स्थिरता मिलती है।
  • भय और नकारात्मक विचार दूर होकर आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • भक्ति और कर्मशीलता का भाव मजबूत होता है।

निष्कर्ष

“कृपा करो हे शनि देव” यह प्रार्थना केवल एक विनती नहीं, बल्कि एक समर्पण है — अपने अहंकार, भय और दोषों को शनिदेव के चरणों में अर्पित करने का भाव। जब हम सच्चे मन से अपने कर्मों में सुधार करते हैं और भक्ति भाव से शनिदेव को स्मरण करते हैं, तो वे हमारी हर विपत्ति को अवसर में बदल देते हैं। उनकी कृपा से जीवन में शांति, संतुलन और सच्चाई का प्रकाश फैलता है, और हर कठिनाई में भी आत्मबल बना रहता है।

Shiv murti

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