तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया | प्रेम, भक्ति और आत्म का अद्भुत भजन

“तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया” भजन भक्त के हृदय में बसे प्रेम और कृष्ण के आकर्षण का प्रतीक है। इस गीत में वह भाव प्रकट होता है कि श्रीकृष्ण का नाम, उनकी मुस्कान और उनकी लीलाएँ जीवन में अद्भुत परिवर्तन लाती हैं। यह भजन मन को भक्ति रस से भर देता है, जिससे आत्मा को शांति और स्नेह का अनुभव होता है। कन्हैया के प्रति यह समर्पण जीवन को सकारात्मकता और आनंद से आलोकित कर देता है।

rajeshswari

तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले बस मेरा जिया,
दर पे बुला के ये क्या किया ,
ओ रे कान्हा ओ ,
तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया ,
कान्हा कान्हा बोले बस मेरा जिया,

दर पे बुला के अपना बना के तूने तो बदल डाला मुझको ,
तेरे ही सपने तेरी ही बातें याद रहे अब मुझको ,
सपनों में आके ये क्या किया ,
ओ रे कान्हा ओ ,
तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले बस मेरा जिया,

ओ मेरे मोहन मैं तेरी जोगन जोग लगा ऐसा मन में ,
जैसे मीरा थी तेरी दीवानी मैं भी लगी हूं जपने ,
जोग लगा के ये क्या किया,
ओ रे कान्हा ओ ,
तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया,
कान्हा कान्हा बोले बस मेरा जिया

गायन की विधि

  • भजन गाने से पहले श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
  • ताजे फूल और तुलसीदल अर्पित करें।
  • मन को शांत कर श्रीकृष्ण के बाल रूप या बांसुरी बजाते स्वरूप का ध्यान करें।
  • फिर “तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया” भजन को मधुर स्वर में, भावपूर्वक गाएँ या सुनें।
  • अंत में कन्हैया से प्रेम, मार्गदर्शन और करुणा की प्रार्थना करें।
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लाभ

  • मन में प्रेम, शांति और स्नेह का भाव जाग्रत होता है।
  • मानसिक तनाव और नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है।
  • श्रीकृष्ण के प्रति भक्ति और लगाव गहराता है।
  • आत्मा को सच्चे प्रेम और आनंद का अनुभव होता है।
  • भजन के माध्यम से घर में सकारात्मकता और पवित्रता बढ़ती है।

निष्कर्ष

“तूने ओ कन्हैया कैसा जादू किया” एक ऐसा भजन है जो भक्त के हृदय को कृष्ण प्रेम से भर देता है। यह हमें याद दिलाता है कि श्रीकृष्ण का नाम लेने मात्र से मन हल्का हो जाता है और आत्मा में आनंद का प्रवाह होता है। इस भजन को श्रद्धा से गाने या सुनने से मन में भक्ति, प्रेम और शांति का अनुभव होता है — यही श्रीकृष्ण के “जादू” का असली अर्थ है।

Shiv murti

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