शनिदेव दया के धाम | न्याय और करुणा के प्रतीक भगवान शनिदेव
“शनिदेव दया के धाम” वाक्य हमें यह स्मरण कराता है कि भगवान शनिदेव केवल न्याय के देवता ही नहीं, बल्कि करुणा और दया के सागर भी हैं। वे हमारे कर्मों के अनुसार फल देते हैं, परंतु जब कोई सच्चे मन से प्रार्थना करता है, तो वे अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं। शनि की साधना हमें यह सिखाती है कि जीवन में अनुशासन, सत्य और सेवा का मार्ग अपनाकर ही हम उनके आशीर्वाद के पात्र बनते हैं। शनिदेव के नाम का स्मरण मन की शांति, धैर्य और आत्मबल को बढ़ाता है।

शनिदेव दया के धाम, हम पर कृपा करो।
कृपा करो, प्रभु कृपा करो,शनिदेव दया के धाम।
दुष्ट दलन संतन रखवारे।
दीन हीन निर्बल के सहारे।।
हमें दो भक्ति का दान।
हम पर कृपा…..
सप्त वाहन तेरी सप्त सवारी।
नवग्रहों में महिमा भारी।।
तुम्हे बार बार प्रणाम।
हम पर कृपा…..
शनिदेव हम तेरे पुजारी।
तुम दाता हम तेरे भिखारी।।
नित जपें तुम्हारा नाम।
हम पर कृपा…..
कहै ‘‘मधुप’’ प्रभु करूणा कीजै।
रोग शोक संकट हर लीजै।।
हम सगरे संवारो काम।
हम पर कृपा….. ।
भावना से पूजन की विधि
- दिन: शनिवार का दिन पूजन के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
- स्थान: पीपल के पेड़ के नीचे या घर के मंदिर में शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- दीपक: सरसों के तेल का दीप जलाएँ और उसमें सात बत्तियाँ लगाएँ।
- मंत्र जप: श्रद्धा से कहें — “ॐ शं शनैश्चराय नमः” या “शनिदेव दया के धाम” का जप करें।
- संकल्प: अपने जीवन की कठिनाइयों को शनिदेव को समर्पित कर उनसे दया और मार्गदर्शन की प्रार्थना करें।
- दान: काले तिल, तेल, या लोहे की वस्तु का दान करना शुभ होता है।
शनिदेव की कृपा से प्राप्त होने वाले फल
- जीवन में आ रही बाधाएँ और परेशानियाँ कम होती हैं।
- कर्मों के अनुसार न्याय और संतुलन का अनुभव मिलता है।
- मन में शांति, संयम और सहनशीलता आती है।
- व्यवसाय, स्वास्थ्य और संबंधों में स्थिरता बढ़ती है।
- शनि कृपा से भय और नकारात्मकता दूर होकर आत्मविश्वास बढ़ता है।
निष्कर्ष
“शनिदेव दया के धाम” का भाव हमें यह समझाता है कि शनिदेव केवल दंड के प्रतीक नहीं, बल्कि दया और करुणा के भी अवतार हैं। जब हम अपने कर्मों में सुधार लाकर सच्चे मन से उन्हें पुकारते हैं, तो वे अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और उन्हें सही राह दिखाते हैं। उनकी कृपा से जीवन में संतुलन और सच्चाई का प्रकाश फैलता है। शनिदेव की भक्ति हमें यह सिखाती है कि कठिनाइयाँ भी वरदान हैं, क्योंकि वे हमें बेहतर इंसान बनाती हैं।

