शिव दे मलंग नच्दे | भक्ति, आनंद और दिव्य ऊर्जा का पवित्र संगम

शिव दे मलंग नच्दे | भक्ति, आनंद और दिव्य ऊर्जा का पवित्र संगम

“शिव दे मलंग नच्दे” यह पंक्ति शिव भक्ति के उस रंग को दिखाती है जहाँ भक्ति सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि एक उत्सव बन जाती है। शिव के भक्त उनकी ऊर्जा में ऐसे खो जाते हैं कि शरीर खुद ही नृत्य करने लगता है। यह भाव दर्शाता है कि महादेव की भक्ति में कोई बंधन नहीं, केवल प्रेम, स्वतंत्रता और आनंद है। शिव की धुन चलती है तो मन, आत्मा और वातावरण—all ऊर्जा से भर जाते हैं। इस पंक्ति में भक्त का भाव भी है और महादेव की शक्ति का अद्भुत अनुभव भी।

rajeshswari

ॐ नमोः शिवाय, ॐ नमोः शिवाय,
बम भोले बम भोले, बम बम बम…..

ओ अज्ज रात शिवरात्रि दी आई भगतो,
सारे भगता नू इसदी वधाई भगतो,
कई ताड़िया वजाउंन बिना संग नचदे,
ताड़िया वजाउंन, जय हो,
ताड़िया वजाउंन बिना संग नचदे,
आ वेख लो जी शिव दे,, मलंग नचदे,
आ वेख लो जी, शिव दे मलंग नचदे……

वखरा ही रंग अज्ज सब ने बनाया ए,
धरती पाताल अज्ज वेखो रुशनाया ए,
लै के दिल विच श्रद्धा उमंग नचदे,
दिल विच श्रद्धा,, जय हो,
दिल विच श्रद्धा उमंग नचदे,
आ वेख लो जी शिव दे,, मलंग नचदे,
आ वेख लो जी, शिव दे मलंग नचदे……

हर पासे वेखो शिवनाथ दे जैकारे ने,
शिव भोले बाबा जी ता सब नू प्यारे ने,
कई नाम वाली पिके वेखो भंग नचदे,
नाम वाली पिके,, जय हो,
नाम वाली पिके वेखो भंग नचदे,
आ वेख लो जी शिव दे,, मलंग नचदे,
आ वेख लो जी, शिव दे मलंग नचदे……

मस्ती दे विच अज्ज वेखो सारे नचदे,
शिव भोले बाबा जी दा नाम नाल जपदे,
महादेव दा चढ़ा के अज्ज रंग नचदे,
महादेव दा चढ़ा के,, जय हो,
महादेव दा चढ़ा के अज्ज रंग नचदे,
आ वेख लो जी शिव दे,, मलंग नचदे,
आ वेख लो जी, शिव दे मलंग नचदे……

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विधि

  1. स्थान: घर, मंदिर या कोई खुला साफ स्थान।
  2. दीपक: घी का दीपक जलाएँ और मन को शांत करें।
  3. शिव मंत्र:
    11 बार “ॐ नमः शिवाय” का जप करें।
  4. भाव:
    महादेव का तांडव, उनकी ऊर्जा और संगीत को महसूस करें।
  5. उच्चारण:
    प्रसन्न मन से बोलें—
    “शिव दे मलंग नच्दे…”
  6. समापन:
    शिव से आशीर्वाद माँगें कि जीवन में भक्ति, ऊर्जा और खुशी बनी रहे।

लाभ

  • मन तुरंत हल्का, प्रसन्न और ऊर्जावान हो जाता है।
  • नकारात्मक विचार और डर कम होते हैं।
  • जीवन में नई प्रेरणा और जोश आता है।
  • आत्मविश्वास, साहस और मानसिक शक्ति बढ़ती है।
  • शिव के प्रति भक्ति गहरी होकर मन स्थिर होता है।

निष्कर्ष

“शिव दे मलंग नच्दे” भक्ति का वह रूप है जो दिल में खुशी जगाता है और आत्मा को मुक्त करता है। शिव का स्मरण और उनकी ऊर्जा हमें जीवन की कठिनाइयों से ऊपर उठने की शक्ति देती है। यह भाव बताता है कि महादेव की भक्ति में दुःख पिघल जाते हैं और आनंद सहज ही बहने लगता है। सच में, जब शिव के मलंग नाचते हैं, तो पूरा वातावरण दिव्यता, प्रेम और शक्ति से भर उठता है।

Shiv murti

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