खाटू में रंगों की बौछार | श्याम बाबा के दरबार में भक्ति और आनंद का पर्व

खाटू में रंगों की बौछार | श्याम बाबा के दरबार में भक्ति और आनंद का पर्व

खाटू में रंगों की बौछार यह पंक्ति भक्तिमय उत्साह और ईश्वर प्रेम की उस छवि को प्रस्तुत करती है जहाँ श्याम बाबा के धाम में भक्ति के सात रंग खिल उठते हैं। फाल्गुन का महीना आते ही खाटू नगरी रंगों में नहा जाती है, हर गली और हर भक्त के चेहरे पर आनंद की लहर दौड़ जाती है। यहाँ न कोई भेद है, न दूरी — बस श्याम नाम का रंग सब पर चढ़ा होता है। यह मेला भक्तों के लिए केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्मा को आनंद से भर देने वाला दिव्य अनुभव है।

rajeshswari

खाटू नगर के बीच में बण्यों आपको धाम,
फाल्गुन शुक्ला मेला भरे जय जय बाबा श्याम

खाटू मै रंगों की बौछार है
नीले घोड़े पे आए सरकार है

फागुण का ये मेला कितना सुंदर सजा
प्रेम मेले में सांवरिया लुटाने लगा
अपने भक्तों को देते वरदान है
नीले घोड़े पे आए सरकार है

रंग होली का ये सांवरे को चढ़ने लगा
श्याम जी पे गुलाल अब उड़ने लगा
पिचकारी भर भर सब मारे है
नीले घोड़े पे आए सरकार है

प्रेमियों के संग मैं ये गुप्ता आने लगा
फूलों मै सांवरिया मेरा सजने लगा
इतरो से महके दरबार है
नीले घोड़े पे आए सरकार है

भाव से पूजन या स्मरण विधि

  1. दिन: फाल्गुन एकादशी से फाल्गुन पूर्णिमा तक का समय विशेष शुभ माना जाता है।
  2. स्थान: घर के मंदिर या खाटू श्याम बाबा के चित्र के सामने दीपक जलाएँ।
  3. सामग्री: रंग-बिरंगे फूल, चंदन, धूप, दीपक, मोरपंख और प्रसाद (खीर, मालपुए)।
  4. प्रारंभ: “जय श्री श्याम” का 11 बार नाम जप करें।
  5. पूजन: बाबा को फूल और रंग अर्पित करें (अबीर-गुलाल का प्रतीकात्मक प्रयोग करें)।
  6. भाव: मन में यह भाव रखें — “हे श्याम बाबा, मेरे जीवन को भी आपकी भक्ति के रंगों से भर दो।”
  7. समापन: आरती करें और परिवार सहित प्रसाद ग्रहण करें।
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इस भक्ति से मिलने वाले लाभ

  • जीवन में आनंद और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • भक्ति के माध्यम से मन के तनाव और दुःख दूर होते हैं।
  • श्याम बाबा की कृपा से जीवन में प्रेम और एकता आती है।
  • परिवार और समाज में सौहार्द बढ़ता है।
  • आध्यात्मिक शांति और संतोष की अनुभूति होती है।

निष्कर्ष

“खाटू में रंगों की बौछार” केवल होली या मेले की बात नहीं, बल्कि उस दिव्य अनुभव का प्रतीक है जिसमें भक्त अपने मन के सारे रंग बाबा के चरणों में समर्पित कर देता है। जब श्याम बाबा की कृपा बरसती है, तो वह केवल रंग नहीं, बल्कि विश्वास, प्रेम और भक्ति का अमृत होती है। यह रंगीन बौछार हमें सिखाती है कि जीवन में हर पल को भक्ति के रंग से रंग दो — क्योंकि जब मन श्याम के रंग में रंग जाता है, तब संसार भी सुंदर लगने लगता है।

Shiv murti

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