वो शनिदेव शिंगणापुर वाले हैं | न्याय और श्रद्धा के जाग्रत देवता
“वो शनिदेव शिंगणापुर वाले हैं” — यह पंक्ति उन दिव्य भगवान शनिदेव को नमन करती है जो महाराष्ट्र के शिंगणापुर गाँव में बिना छत वाले मंदिर में विराजमान हैं। यहाँ के शनिदेव न्याय के साक्षात प्रतीक माने जाते हैं — जहाँ कोई दरवाजा बंद नहीं होता, क्योंकि भक्तों को विश्वास है कि शनि महाराज स्वयं उनकी रक्षा करते हैं। उनका यह स्वरूप हमें सिखाता है कि जब व्यक्ति सच्चे कर्म, ईमानदारी और भक्ति के मार्ग पर चलता है, तो स्वयं भगवान उसकी रक्षा करते हैं। शिंगणापुर के शनिदेव का आशीर्वाद अटूट आस्था और न्याय की शक्ति का प्रतीक है।

हरते हैं जो संकट सबके
वो शनिदेव शिगनापुर वाले हैं
जगाते हैं आस जो जीवन में
वो शनिदेव शिगनापुर वाले हैं
दर पे आपके जो दुःखी जाते हैं,
वो हँसी मुख पर लेकर आते हैं
दुःख दर्द जो सबके हरते हैं
वो शनिदेव शिगनापुर वाले हैं
हरते हैं जो संकट सबके
वो शनिदेव शिगनापुर वाले हैं
दया से आपकी भगवान
बनती है बिगड़ी हुई किस्मत
गाता है गुण जगत सारा जिनके
वो शनिदेव शिगनापुर वाले हैं
हरते हैं जो संकट सबके
वो शनिदेव शिगनापुर वाले हैं
जगाते हैं आस जो जीवन में
वो शनिदेव शिगनापुर वाले हैं
भाव से पूजा विधि
- दिन: शनिवार का दिन विशेष रूप से पूजन हेतु उत्तम है।
- स्थान: घर में या मंदिर में शनिदेव की मूर्ति या शिलारूप के सामने दीपक जलाएँ।
- सामग्री: काले तिल, सरसों या तिल का तेल, नीला पुष्प, काली उड़द, और गुड़-चना चढ़ाएँ।
- प्रारंभ: “जय जय शनिदेव शिंगणापुर वाले” कहकर प्रार्थना आरंभ करें।
- मंत्र जप:
- ॐ शं शनैश्चराय नमः — इस मंत्र का 108 बार जप करें।
- भावना रखें: शनिदेव को कर्मों के न्यायाधीश मानते हुए सच्चे मन से क्षमा और कृपा की प्रार्थना करें।
- समापन: तेल का दीपक जलाकर आभार व्यक्त करें और यह संकल्प लें कि आप सदैव सत्य और धर्म के मार्ग पर चलेंगे।
शिंगणापुर शनिदेव की आराधना के लाभ
- ग्रहदोष से मुक्ति: विशेषकर शनि की साढ़ेसाती या ढैया का प्रभाव कम होता है।
- न्याय और सुरक्षा: अन्याय या भय से मुक्ति मिलती है, आत्मविश्वास बढ़ता है।
- जीवन में स्थिरता: निर्णय क्षमता और कार्यों में सफलता मिलती है।
- सच्चे कर्म की प्रेरणा: व्यक्ति अपने कर्मों में ईमानदारी अपनाता है।
- आध्यात्मिक शक्ति: मन में श्रद्धा और भक्ति की गहराई बढ़ती है।
निष्कर्ष
“वो शनिदेव शिंगणापुर वाले हैं” — यह पंक्ति उस अनंत आस्था का प्रतीक है जो भक्तों के हृदय में शनिदेव के लिए बसती है। शिंगणापुर का मंदिर हमें यह सिखाता है कि विश्वास और सच्चे कर्म ही जीवन की सबसे बड़ी पूँजी हैं। जब हम सच्चाई और भक्ति के साथ शनिदेव का नाम लेते हैं, तो वे हमारे रक्षक बन जाते हैं। उनका आशीर्वाद हमें न केवल कष्टों से उबारता है बल्कि सही दिशा में आगे बढ़ने की शक्ति भी देता है। सच में, वो शनिदेव शिंगणापुर वाले हैं — जो अपने भक्तों पर सदा न्याय और कृपा की वर्षा करते हैं।

