शैलपुत्री माता का मंत्र: जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का सरल उपाय

शैलपुत्री माता का मंत्र: जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का सरल उपाय

Shailputri Mata Ka Mantra देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में से पहला स्वरूप है। इस मंत्र का जाप करने से मन की शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव होता है। यदि आप भी अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव चाहते हैं, तो शैलपुत्री माता का मंत्र का नियमित पाठ आपके लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है।

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Shailputri Mata Ka Mantra

प्राथना मंत्र

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे,
ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।

उपासना मंत्र

वन्देवांछितलाभाय चन्दार्धकृतशेखराम्,
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:॥

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्,
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

माता का मंत्र जाप करने की विधि

1. समय और स्थान का चयन

  • सबसे पहले मंत्र जाप के लिए शांत और स्वच्छ स्थान चुनें।
  • यह स्थान घर का कोई अलग कमरा या पूजा स्थल हो सकता है।
  • सुबह का समय सबसे श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि इस समय वातावरण शुद्ध और ऊर्जा से भरपूर होती है।
  • यदि सुबह समय नहींमिल सके, तो शाम का समय भी उत्तम है।

2. तैयारी

  • पूजा स्थल को साफ करें।
  • एक दीपक (मणिपूरक दीपक या साधारण दीपक) और अगरबत्ती जलाएँ।
  • माता की तस्वीर या मूर्ति को सामने रखें।
  • मन और शरीर को शुद्ध करने के लिए हल्का स्नान करना या हाथ-मुँह धोना अच्छा रहेगा।

3. मानसिक और शारीरिक तैयारी

  • मंत्र जाप शुरू करने से पहले 2–3 मिनट गहरी साँस लें और मन को शांत करें।
  • अपनी सभी चिंताओं और विचारों को छोड़कर माता पर ध्यान केंद्रित करें।

4. मंत्र उच्चारण

  • शैलपुत्री माता का मंत्र का उच्चारण धीरे-धीरे, स्पष्ट और ध्यानपूर्वक करें।
  • मंत्र को जितना संभव हो सके, सही उच्चारण के साथ बोलें।
  • यदि आप शुरुआत में 11 या 21 बार जाप करें तो पर्याप्त है, धीरे-धीरे इसे 108 बार तक बढ़ा सकते हैं।
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5. ध्यान और भक्ति

  • जाप करते समय माता की साक्षात उपस्थिति की कल्पना करें।
  • माता से अपने हृदय की इच्छाओं और समस्याओं के लिए आशीर्वाद माँगें।
  • भक्ति भाव बनाए रखें, केवल शब्दों का उच्चारण नहीं, बल्कि मन से जुड़ाव ज़रूरी है।

6. समापन

  • जाप समाप्त होने के बाद दीपक को सुरक्षित रूप से बुझाएँ।
  • मंत्र जाप के बाद 1–2 मिनट चुपचाप बैठें और माता को धन्यवाद दें।

मंत्र के लाभ

  • मानसिक शांति और एकाग्रता: नियमित जाप से मन शांत रहता है और ध्यान केंद्रित करना आसान होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: घर और कार्यस्थल में सकारात्मक वातावरण बनता है।
  • संपत्ति और समृद्धि: माता का आशीर्वाद आर्थिक और व्यक्तिगत जीवन में समृद्धि लाता है।
  • रोगों से सुरक्षा: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • आध्यात्मिक प्रगति: जीवन में धर्म, भक्ति और आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है।

यदि आप अपनी जीवन यात्रा को सुख, शांति और समृद्धि से भरना चाहते हैं, तो Shailputri Mata Ka Mantra का नियमित अभ्यास अवश्य करें। इसके अलावा आप हमारे पृष्ठ [माता के अन्य मंत्र और पूजा विधियाँ] पर जाकर अन्य शक्तिशाली मंत्रों के बारे में भी जान सकते हैं और अपने आध्यात्मिक विकास को और गहरा कर सकते हैं।

Shiv murti

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