ये खाटू धाम है | जहाँ आस्था और कृपा का संगम होता है
ये खाटू धाम है यह पंक्ति केवल एक स्थान का परिचय नहीं, बल्कि भावनाओं का सागर है। यह वह पवित्र भूमि है जहाँ भक्त अपने सभी दुखों को भूलकर केवल श्याम नाम का जप करता है। यहाँ हर दीवार से, हर धूल के कण से भक्ति की सुगंध आती है। खाटू धाम में पहुंचकर हर थका हुआ मन शांति पाता है, और हर व्यथित आत्मा को विश्वास मिलता है कि बाबा की कृपा सदा उसके साथ है। यही वह स्थान है, जहाँ भक्ति, प्रेम और करुणा एक साथ मिलते हैं।

आ गया फागुन मेला, भक्तो का आगाज है
ये पावन मरूधरा की धरती, ये खाटू धाम है
पल पल तेरी याद सतावें,
ओ मेरे धनश्याम रे
भक्तो का अब मन नहीं लगता,
बिन तेरे श्याम है
प्यारा खाटू धाम है
कलियुग का है ये अवतारी ,
कहते खाटू श्याम है
ये पावन मरूधरा की धरती, ये खाटू धाम है
ये खाटू धाम है
फागुन के मेले में देखो,भक्तो की कतार है
श्याम धनी के दर्शन खातिर ,भक्तो में इंतजार है
प्यारा खाटू धाम है
हारे के तुम हो सहारे,प्यारे खाटू श्याम रे
ये पावन मरूधरा की धरती,ये खाटू धाम है
ये खाटू धाम है
बिन मांझी के नाव चले ना,
अब पकड़ पतवार रे
भक्तो की अब विनती सुन लो,
ओ मेरे दातार रे
हरष हरष “जाजू” गुण गावे,
दरस तेरी सब पावे
पावन मरूधरा की धरती,ये खाटू धाम है
ये खाटू धाम है
भाव से पूजन या स्मरण विधि
- दिन: फाल्गुन मास विशेष रूप से खाटू धाम के दर्शन के लिए शुभ माना जाता है।
- स्थान: यदि धाम तक नहीं जा सकते, तो घर में बाबा की तस्वीर या मूर्ति के सामने पूजा करें।
- सामग्री: मोरपंख, चंदन, धूप, दीपक, पुष्प, और खीर या मालपुए का प्रसाद रखें।
- प्रारंभ: “जय श्री श्याम” का 11 बार नाम जप करें।
- पूजन: बाबा को फूल और चंदन अर्पित करें, फिर दीपक और धूप दिखाएँ।
- भाव: मन में यह कहें — “हे खाटू श्याम, आपका धाम ही हमारा तीर्थ है, हमारी हर सांस आपकी कृपा में समर्पित है।”
- समापन: श्याम आरती करें और प्रसाद परिवार व मित्रों में बाँटें।
इस भक्ति से मिलने वाले लाभ
- श्याम बाबा की कृपा से जीवन में शांति और संतोष बढ़ता है।
- मन की व्याकुलता और दुःख दूर होते हैं।
- आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- परिवार में प्रेम और समरसता का भाव आता है।
- हर कार्य में ईश्वर की कृपा और सफलता प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
“ये खाटू धाम है” — यह वाक्य हर भक्त के लिए एक भावनात्मक पुकार है। यहाँ पहुंचने के बाद व्यक्ति अपने जीवन की सारी चिंताएँ भूल जाता है, क्योंकि बाबा की कृपा का आशीर्वाद उसे घेर लेता है। यह धाम केवल ईंट और पत्थर का नहीं, बल्कि विश्वास, प्रेम और करुणा का प्रतीक है। जो एक बार यहाँ आता है, उसका मन फिर संसार की जगह केवल श्याम नाम में रम जाता है। खाटू धाम सिखाता है कि भक्ति का मार्ग प्रेम से होकर ही ईश्वर तक पहुँचता है।

