जो राम दीवाने हैं | भक्ति और समर्पण का अनुपम प्रतीक
“जो राम दीवाने हैं” — यह पंक्ति उस भक्त भावना को व्यक्त करती है जिसमें प्रेम का हर रंग केवल श्रीराम के नाम में घुला होता है। ऐसे भक्तों का जीवन संसार से नहीं, बल्कि प्रभु की भक्ति से संचालित होता है। उनका मन किसी मोह, भय या अपेक्षा में नहीं उलझता; वे तो बस राम नाम के प्रेम में दीवाने हो जाते हैं। यह भाव सिखाता है कि सच्ची भक्ति वही है जहाँ भक्त अपने अहंकार को त्यागकर पूर्णतः प्रभु में विलीन हो जाए।

जो राम दीवाने है हम उनको चाहेंगे,
श्री राम दीवाने है हम उनको चाहेंगे,
घर घर में अब से हम भगवा लहराएंगे……
जिस भगवे के पीछे पूरी राम कहानी है,
जिस भगवे के पीछे हनुमान कहानी है,
उस भगवे की महिमा दुनिया को बताएंगे,
घर घर में अब से हम भगवा लहराएंगे…….
इन राम के भक्तो को डर नहीं किसी का है,
हनुमान के भक्तो डर नही किसी का है,
हम राम के वंशज है, दुनिया को दिखाएंगे,
घर घर में अब से हम भगवा लहराएंगे…….
जिस नाम की शक्ति ने पत्थर को तिराया था,
जिस नाम की शक्ति ने रावण को डराया था,
उस नाम की शक्ति को, मिलकर दोहराएंगे,
घर घर में अब से हम भगवा लहराएंगे……..
हम सब हिंदू मिलकर आओ संकल्प करे,
हाय हैलो को छोड़े, बस जय श्री राम करे,
घर घर में अब से हम भगवा लहराएंगे……
जो धर्म विनाशी है हम उन्हे मिटाएंगे,
जो राम विरोधी है, उन्हे मजा चकाएंगे,
घर घर में अब से हम भगवा लहराएंगे………
जो राम दीवाने है हम उनको चाहेंगे,
घर घर में अबसे हम भगवा लहराएंगे……
विधि भाव से भजन या जप करने की विधि
- स्थान और समय: शांत वातावरण में भोर या संध्या के समय बैठें।
- तैयारी: श्रीराम, माता सीता और हनुमान जी के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएँ।
- मन की स्थिरता: कुछ क्षण मौन होकर “जय श्रीराम” का जाप करें और मन को एकाग्र करें।
- भक्ति भाव से जप: “जो राम दीवाने हैं” पंक्ति का श्रद्धा से बार-बार उच्चारण करें या भजन के रूप में गाएँ।
- भावना रखें: यह अनुभव करें कि आप भी उन्हीं दीवानों की श्रेणी में हैं — जिन्हें केवल राम नाम में आनंद मिलता है।
- समापन: अंत में प्रभु से प्रार्थना करें — “हे राम, मुझे भी अपने दीवानों में स्थान दो।”
लाभ इस भक्ति भाव से मिलने वाले लाभ
- मन में आनंद और संतोष: प्रभु की भक्ति से मानसिक शांति मिलती है।
- भय और चिंता से मुक्ति: राम नाम में विश्वास से हर संकट छोटा लगता है।
- भक्ति की गहराई बढ़ती है: मन, वचन और कर्म सब प्रभु के प्रति समर्पित होते हैं।
- सकारात्मकता और प्रेम: ईश्वर और जीव दोनों के प्रति दया और स्नेह का भाव आता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: जीवन में सरलता, संतोष और प्रकाश का अनुभव होता है।
निष्कर्ष
“जो राम दीवाने हैं” — यह पंक्ति केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है। जो राम के दीवाने होते हैं, वे संसार में रहते हुए भी सांसारिक बंधनों से मुक्त हो जाते हैं। उनके लिए हर दिन प्रभु की याद का पर्व होता है और हर सांस राम नाम की ज्योति। जब हम भी राम दीवाने बन जाते हैं, तो हमारे जीवन का हर दुख, हर अंधकार समाप्त हो जाता है।

