हनुमान और शनिदेव की शक्ति | संयम, सेवा और न्याय का अनोखा संगम

“हनुमान और शनिदेव की शक्ति” — यह पंक्ति उस संतुलन का प्रतीक है जहाँ एक ओर हनुमान जी की असीम भक्ति और साहस है, वहीं दूसरी ओर शनिदेव का न्याय और अनुशासन। दोनों ही देवता हमें जीवन के दो महत्वपूर्ण मार्ग दिखाते हैं — एक, सेवा और समर्पण का, दूसरा कर्म और परिणाम का। कथा अनुसार, शनिदेव स्वयं हनुमान जी के भक्त हैं और जो व्यक्ति सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करता है, उसे शनिदेव की कृपा सदैव प्राप्त रहती है। यह भाव हमें सिखाता है कि भक्ति और कर्म का मेल ही जीवन को सच्चे अर्थों में संतुलित बनाता है।

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शनि कहे बजरंग बली से सुनो वीर हनुमान,
चलो साथ में दोनों मिल कर भगतो का कल्याण,
कुछ आप की शक्ति से कुछ मेरी शक्ति से,
हनुमान की शक्ति से शनिदेव की शक्ति से…

दर दर ठोकर खा के इंसान दुःख से पार न पायेगा,
राम नाम का जाप करे वो भक्त आप को भाये गा,
उस के उपर किरपा आप की पल में ही हो जायेगी,
शनी दोष और साडे साती में मुक्ति मिल जायेगी,
उस के सारे कष्टों का प्रभु हो जाएगा निदान,
कुछ आप की शक्ति से कुछ मेरी शक्ति से………..

मोह माया में फस कर प्राणी जो भी आप को बुला है,
धन वेवव के कारण बस ये अपने मद से बुला है,
सादे साती बन कर उस के पास मैं जाउगा,
निज परकोप से उसको मैं शुभ करम ही सिखाउगा,
दीं दुखी की सेवा कर हर मानव बने महान,
कुछ आप की शक्ति से कुछ मेरी शक्ति से……

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श्रेणीहनुमान भजन

पूजन या स्मरण विधि

  1. दिन और समय: शनिवार या मंगलवार का दिन सर्वोत्तम है।
  2. स्थान और तैयारी: पूजा स्थल को स्वच्छ रखें, हनुमान जी और शनिदेव की प्रतिमा या चित्र साथ में स्थापित करें।
  3. दीपक और अर्पण: तिल का तेल का दीपक शनिदेव को, और घी का दीपक हनुमान जी को जलाएँ।
  4. मंत्र जप:
    • हनुमान जी के लिए — “ॐ हनुमते नमः”
    • शनिदेव के लिए — “ॐ शं शनैश्चराय नमः”
  5. भावना: यह भावना रखें कि हनुमान जी आपको शक्ति और धैर्य दे रहे हैं, और शनिदेव आपको न्याय और स्थिरता का आशीर्वाद दे रहे हैं।
  6. समापन: दोनों देवों को प्रणाम कर कहें — “हे प्रभु, मुझे सदा धर्म, संयम और सेवा के मार्ग पर रखें।”

इस संयुक्त भक्ति से मिलने वाले लाभ

  • संकट निवारण: हनुमान जी की कृपा से हर भय दूर होता है और शनिदेव के आशीर्वाद से कठिनाइयाँ सरल हो जाती हैं।
  • कर्म-संतुलन: व्यक्ति अपने कर्मों में अनुशासन और ईमानदारी बनाए रखता है।
  • मानसिक शक्ति: हनुमान जी से साहस और शनिदेव से धैर्य की प्राप्ति होती है।
  • सफलता और सुरक्षा: जीवन में रुकावटें कम होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
  • शांति और स्थिरता: मन और घर दोनों में संतुलन और शांति का वास होता है।

निष्कर्ष

“हनुमान और शनिदेव की शक्ति” — यह केवल पूजा का विषय नहीं, बल्कि जीवन का गहरा संदेश है। हनुमान जी हमें सिखाते हैं कि सेवा और प्रेम से सब संभव है, जबकि शनिदेव हमें याद दिलाते हैं कि हर कर्म का फल न्यायपूर्वक भोगना चाहिए। जब हम इन दोनों की भक्ति साथ में करते हैं, तो हमारे जीवन में शक्ति और संतुलन दोनों का मेल होता है।

Shiv murti

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