सामने तू होवे भोलेनाथ | महादेव के साक्षात् दर्शन और निकटता का भाव
“सामने तू होवे भोलेनाथ” यह पंक्ति उस प्रेम और लालसा को दर्शाती है जहाँ भक्त चाहता है कि शिव उसके जीवन में स्वयं उपस्थित हों। यह भाव इतना पवित्र होता है कि मन पूरा का पूरा महादेव में लीन हो जाता है। भक्त की यही पुकार दिखाती है कि जब मुश्किलें बढ़ती हैं या मन थक जाता है, तो महादेव का सानिध्य सबसे बड़ी शक्ति बन जाता है। शिव जो सरल, भोले और दयालु हैं—उनके सामने होने का अर्थ है हर चिंता का मिट जाना। यह पंक्ति भक्ति, विश्वास और आत्मसमर्पण का सुंदर मिश्रण है।

ॐ नमोः शिवाय, ॐ नमोः शिवाय,
बम भोले बम भोले, बम बम बम…..
ओ नचनगे, तेरे भगत भोलेया,
दिन होवे जा रात,
सामने तू होवे, हो तू होवे भोलेनाथ,
सामने तू होवे, तू होवे भोलेनाथ,
सामने तू होवे……
ओ डम डम ढोल वजाउंन वालेया,
रूहा नू खींच पाऊंन वालेया,
रंग तेरे विच रंगी पई ए,
ए सारी कायनात,
सामने तू होवे, तू होवे भोलेनाथ,
सामने तू होवे……
ओ गौरा गणपती नाल होवे तू,
नंदी ते असवार होवे तू,
मस्त मलंग तू फकर तेरी,
वखरी ए गलबात,
सामने तू होवे, तू होवे भोलेनाथ,
सामने तू होवे……
ओ धरती गगन पाताल रौनका,
करण कहे तेरे नाल रौनका,
बनया रहे सरजीवन ऐदा ही,
तेरा मेरा साथ,
सामने तू होवे, तू होवे भोलेनाथ,
सामने तू होवे……
विधि
- स्थान: मंदिर, घर का शांत कोना या शिवलिंग के पास।
- तैयारी: दीपक जलाएँ और एक फूल अर्पित करें।
- शिव ध्यान:
आँखें बंद करके शिव को सामने खड़े हुए कल्पना करें। - उच्चारण:
धीरे से कहें—
“सामने तू होवे भोलेनाथ…”
और फिर 11 बार “ॐ नमः शिवाय” जपें। - भाव:
मन में शिव की शांति, उनका संरक्षण और उनकी उपस्थिति महसूस करें। - समापन:
महादेव से मार्गदर्शन, शक्ति और आशीर्वाद की विनती करें।
इस भक्ति से मिलने वाले फायदे
- मन में शांति और स्थिरता आती है।
- तनाव और चिंता कम होकर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
- शिव के प्रति विश्वास मजबूत होता है।
- निर्णय लेने की क्षमता और आंतरिक साहस बढ़ता है।
- घर और मन दोनों में पवित्रता और उजाला आता है।
निष्कर्ष
“सामने तू होवे भोलेनाथ” कहना, महादेव को अपने जीवन में आमंत्रित करने जैसा है। यह भक्ति हमें याद दिलाती है कि शिव सदैव हमारे पास हैं—बस श्रद्धा से पुकारने की देर है। जब मन सच्चा होता है, तब शिव की उपस्थिति महसूस करना भी आसान हो जाता है। उनका नाम ही वह ज्योति है जो हर अंधेरे को मिटा देती है और जीवन में नई दिशा दे देती है। सच में, जहाँ भोलेनाथ की कृपा होती है, वहाँ भय और दुःख टिकते नहीं।

