दर पे आके तेरे साईं बाबा | साईं बाबा की दया, शरण और कृपा का भाव

दर पे आके तेरे साईं बाबा | साईं बाबा की दया, शरण और कृपा का भाव

“दर पे आके तेरे साईं बाबा” — यह पंक्ति उस भक्त की सच्ची भावना को दर्शाती है जो जीवन की परेशानियों, उम्मीदों और सवालों को लेकर साईं बाबा के दर पर आता है। साईं बाबा के चरणों में बैठकर मन को एक अजीब-सी शांति मिलती है, मानो सारी चिंता उनके सामने छोटी लगने लगती है। जब भक्त बाबा को पुकारता है, तो उसकी आवाज़ प्रेम से भरी होती है और भरोसा यही होता है कि बाबा उसकी झोली खाली नहीं लौटाएँगे। यह पंक्ति मन में समर्पण, आस्था और साईं बाबा के प्रति गहरा लगाव पैदा करती है।

rajeshswari

दर पे आके तेरे साईं बाबा,
कुछ सुनाने को दिल चाहता है,
ना जुदा अपने चरणों से करना,
सर झुकाने को दिल चाहता है…..

मैं जहाँ भी गया मैंने देखा,
लोग हैं स्वारथी इस जहाँ में,
बात है क़ुछ दबी सी लबों पे,
वो बताने को दिल चाहता है…..

थाम लो बाबा दामन हमारा,
अब मुझे बस है तेरा सहारा,
मोह माया भरे झूठे जग से,
मन हटाने को दिल चाहता है…..

बस यही एक कृपा मुझपे कर दो,
हाथ हो तेरा सर पे हमारे,
भक्ति रस में तुम्हारे ओ बाबा,
डूब जाने को दिल चाहता है…..

नाम का जाम मुझको पिला दो,
बस यही आपसे माँगते हैं,
‘परशुराम’ छबि बाबा की मन में,
बस बसाने को दिल चाहता है…..

दर पे आके तेरे साईं बाबा,
कुछ सुनाने को दिल चाहता है,
ना जुदा अपने चरणों से करना,
सर झुकाने को दिल चाहता है…..

भक्ति और प्रार्थना की विधि

  1. समय: गुरुवार साईं बाबा की पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
  2. स्थान: घर के शांत मंदिर में या साईं जी की तस्वीर सामने दीपक जलाएँ।
  3. सामग्री: पीले फूल, धूप, दीपक, प्रसाद (मीठा), जल और चादर।
  4. प्रारंभ: शांत होकर तीन बार बोलें — “ॐ साईं राम”
  5. भक्ति:
    श्रद्धा से दोहराएँ —
    “दर पे आके तेरे साईं बाबा…”
    इसके साथ साईं चालीसा, आरती या साईं नाम जप करें।
  6. समापन: बाबा से अपनी मनोकामना तथा मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना करें।
इसे भी पढ़े   काहे इतनी देर लगाई आजा रे | प्रेम, तड़प और भगवान के बुलावे का मधुर भाव

भक्ति से मिलने वाले लाभ

  • मन में शांति, स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  • कठिन समय में आशा और समाधान का मार्ग मिलता है।
  • परिवार में प्रेम और शांति बढ़ती है।
  • मानसिक चिंता, डर और नकारात्मकता कम होती है।
  • बाबा की कृपा से जीवन में सही दिशा और अवसर मिलते हैं।

निष्कर्ष

“दर पे आके तेरे साईं बाबा” — यह पंक्ति हमें याद दिलाती है कि जीवन में जब भी रास्ते कठिन लगें, साईं बाबा का दर हमेशा खुला रहता है। वहाँ जाने से मन हल्का हो जाता है और दिल में भरोसा जगता है कि कोई है जो हमारी सुन रहा है। साईं बाबा की कृपा से भाग्य, मन और परिस्थितियाँ सब बदल सकती हैं। साईं के चरणों में आस्था रखने वाला व्यक्ति कभी अकेला नहीं रहता — क्योंकि साईं हमेशा अपने भक्त के साथ खड़े रहते हैं।

Shiv murti

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *