ग्रामीण क्षेत्र का सरकारी विद्यालय बना रोल मॉडल, शिक्षा और सुविधाओं में निजी स्कूलों से बेहतर

ग्रामीण क्षेत्र का सरकारी विद्यालय बना रोल मॉडल, शिक्षा और सुविधाओं में निजी स्कूलों से बेहतर

बड़ागांव/वाराणसी (जनवार्ता)
बड़ागांव ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय दबेथुआ, जिसकी स्थापना वर्ष 1947 में हुई थी, कभी बदहाली का प्रतीक था। अगस्त 2019 तक विद्यालय की स्थिति अत्यंत खराब थी, लेकिन प्रधानाध्यापक रमेश कुमार सिंह के कार्यभार संभालते ही हालात बदलने लगे।

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आज यह विद्यालय ग्रामीण समुदाय के सहयोग और शिक्षकों की सक्रियता से मिसाल बन चुका है। यहां स्मार्ट क्लास, स्मार्ट लाइब्रेरी, शुद्ध पेयजल, डेस्क-बेंच, बच्चों के लिए पार्क, फव्वारा, झूला और माँ सरस्वती का मंदिर स्थापित है। विद्यालय का परिवेश प्रेरणादायी और आकर्षक बन चुका है।

वर्तमान में विद्यालय में 169 छात्र नामांकित हैं और 96% उपस्थिति रहती है। शिक्षा का स्तर इतना ऊँचा है कि अब यह निजी स्कूलों की तरह गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है। अवकाश के दिनों में भी प्रधानाध्यापक द्वारा पौधारोपण व अन्य रचनात्मक गतिविधियाँ कराई जाती हैं।

सक्रिय विद्यालय परिवार और सामुदायिक सहभागिता ने दबेथुआ प्राथमिक विद्यालय को बच्चों के सर्वांगीण विकास का आदर्श केंद्र बना दिया है।

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