समाधान दिवस-सरकारी बंजर जमीन कब्जा मुक्त करवाने की उप जिलाधिकारी से गुहार,करोड़ों की लगभग 4 बीघा जमीन का है मामला
वाराणसी (जनवार्ता)। पिंडरा तहसील अंतर्गत छतांव गांव में सालों से कुछ लोग सरकारी बंजर जमीन पर गलत तरीके से अपना नाम चढ़वा लिये थे किंतु साक्ष्यों के आधार पर वाद की सुनवाई करते हुए उप जिलाधिकारी,पिंडरा वाराणसी ने उपरोक्त अनाधिकृत नामों को उक्त बंजर जमीन से निरस्त करने का आदेश दिया जिसके बाद अभिलेखों खतौनी से उक्त नाम निरस्त कर उत्तर प्रदेश सरकार के खाते में उपरोक्त जमीन दर्ज कर दी गई किन्तु जमीन पर अवैध निर्माण व कब्जा अभी भी संबंधित लोगों का ही है।
इसके खिलाफ कल वादी मुकदमा बृजेश कुमार दूबे ने समाधान दिवस पर अधिकारीगणों के समक्ष मामले पर अपनी बात रखी और लिखित रूप से शिकायत कर उपरोक्त सरकारी जमीन से अवैध निर्माण और कब्जे को हटवाने का आग्रह किया। वादी मुकदमा की शिकायत है की चूंकि अब उपरोक्त सरकारी जमीन से अवैध कब्जाधारियों का नाम निरस्त हो चुका है तो उक्त जमीन पर किया गया निर्माण भी अवैध है जिसका रहने का अब कोई औचित्य नहीं बनता,लिहाजा उपरोक्त अवैध निर्माण,कब्जे को पहले के हुए आदेश के आलोक में राजस्व सहिंता की धारा 67 के अनुसार उक्त जमीन से जल्द से जल्द हटवाया जाए,ताकि न्याय हो सके।
बता दें, 23 जुलाई 2025 को वाद संख्या-12505/25,अंतर्गत धारा 32/38 के अनुसार अराजी संख्या-511 व 519 सरकारी बंजर भूमि पर से अख्तर अली,नसरुद्दीन,बदरुद्दीन पुत्रगण इद्दन व वकील पुत्र इद्दन का नाम निरस्त हुए सरकारी अभिलेख को दुरुस्त और सही करनें का आदेश जारी किया। वादी के अनुसार पूरी सरकारी बंजर भूमि लगभग 4 बीघा के आसपास है।वर्तमान में इस भूमि का अनुमालित मूल्य लगभग 4 करोड़ है जिसका सीधा फायदा सरकार को है। वादी ने प्रशासनिक व राजस्व टीम गठित कर जल्द से जल्द उक्त जमीन को कब्जा मुक्त करवाने की गुहार प्रशासन से लगाई है।