श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 या 17 को

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 या 17 को

काशी के विद्वान बोले— इस साल अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का संगम नहीं

मथुरा में 16 को जन्मभूमि पर धूम, ठाकुरजी के रातभर दर्शन

वाराणसी/मथुरा (जनवार्ता) । इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तारीख को लेकर भक्तों में असमंजस है। कोई 16 अगस्त तो कोई 17 अगस्त को पर्व मना रहा है। परंपरा के अनुसार, भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में आधी रात हुआ था, लेकिन 2025 में दोनों का संगम नहीं बन रहा।

काशी और मथुरा के विद्वानों का कहना है कि यह दुर्लभ संयोग कई वर्षों बाद आया है। वैष्णव और गृहस्थ भक्त 16 अगस्त को जन्माष्टमी मना सकते हैं, जबकि साधु-संत 17 अगस्त को भी पर्व मनाएंगे।

मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर 16 अगस्त सुबह 5:30 बजे शहनाई और नगाड़ों की गूंज के बीच मंगला आरती होगी। सुबह 8 बजे पंचामृत से अभिषेक और 9 बजे भागवत भवन में पुष्पांजलि कार्यक्रम होगा। श्रद्धालु गोविंद द्वार (गेट-3) से प्रवेश कर मुख्य द्वार (गेट-1) से बाहर जाएंगे।

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में 16 अगस्त की रात 1:30 बजे से जगमोहन दर्शन शुरू होंगे, जो पूरी रात चलेंगे। प्रशासन का अनुमान है कि 16 अगस्त को मथुरा-वृंदावन में 8 से 10 लाख श्रद्धालु पहुंच सकते हैं।

इसे भी पढ़े   श्रावण मास के पहले सोमवार को सुरक्षा व्यवस्था रही मुस्तैद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *