वाराणसी में देश का पहला हाई-टेक अर्बन रोप-वे: सुरक्षित और सुविधाजनक
जानिए खास बातें:
कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक 3.8 किमी लंबा रोप-वे, 815 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा; गंडोला आपदा की स्थिति में स्वयं नियंत्रित होकर पास के स्टेशन पर पहुंचेगा, एयर कंडीशनिंग और आधुनिक सुरक्षा उपकरणों से लैस
वाराणसी(जनवार्ता)। वाराणसी में अर्बन ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में देश की पहली हाई-टेक रोप-वे परियोजना अंतिम चरण में है। कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक करीब 3.8 किलोमीटर लंबा यह रोप-वे न केवल आधुनिक तकनीक से लैस होगा, बल्कि दैवीय आपदाओं और बिजली कटौती जैसी परिस्थितियों में भी यात्रियों के लिए पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग और एनएचएनएमएल की प्रोजेक्ट निदेशक पूजा मिश्रा ने विकास प्राधिकरण सभागार में रविवार को प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि गंडोला तेज हवा या बिजली गिरने जैसी स्थिति में स्वतः धीमा हो जाएगा और पास के स्टेशन पर सुरक्षित रूप से पहुंच जाएगा। इसके अलावा, एक बार बंद होने के बाद गंडोला के दरवाजे अंदर से नहीं खुलेंगे, लेकिन आपात स्थिति में बड़ी क्रेन की मदद से यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा।
हाईटेक सुविधाएँ और सुरक्षा:
इस रोप-वे को यूरोपीय स्टैंडर्ड के सुरक्षा उपकरणों से लैस किया जा रहा है। सभी स्टेशनों पर कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं, जहां से गंडोला की चाल, बंद और संचालन की स्थिति मॉनीटर की जाएगी। बिजली जाने पर जनरेटर और आंतरिक बिजली आपूर्ति की व्यवस्था गंडोला संचालन को निरंतर बनाए रखेगी। गंडोला के अंदर वातानुकूलन की सुविधा होगी, जिससे गर्मियों में भी यात्री आरामदायक सफर कर सकेंगे।
आर्थिक और व्यावसायिक मॉडल:
चारों स्टेशनों पर व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई जा रही है। बजट होटल, दुकानों और अन्य वाणिज्यिक केंद्रों के लिए पहले से ही काफी डिमांड आ रही है। इनका आवंटन नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। परियोजना की पूरी लागत लगभग 815.58 करोड़ रुपये प्रस्तावित है।
तकनीकी विवरण:
रोप-वे कॉरिडोर की चौड़ाई 16 मीटर होगी, किनारों पर निर्माण पर प्रतिबंध रहेगा और किनारे बनने वाले भवन की ऊंचाई अधिकतम 10 मीटर निर्धारित की गई है। इस परियोजना में सबसे बड़ा टावर 160 फीट ऊँचा होगा, जो सिगरा स्थित सुविधा साड़ी केंद्र के पास बनाया जाएगा। परियोजना का संचालन कार्यदायी एजेंसी 15 वर्षों के लिए करेगी।
परियोजना की प्रगति:
वर्तमान में कैंट स्टेशन, भारत माता मंदिर परिसर, रथयात्रा क्षेत्र, गोदौलिया चौराहा और गिरिजाघर चौराहे पर स्टेशन और टर्मिनल स्टेशन बनाए जा रहे हैं। नए कॉरिडोर के सर्वे और फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। परियोजना का लोकार्पण वर्ष के अंत तक संभावित है।
वाराणसी में इस रोप-वे परियोजना से न केवल यातायात की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि पर्यटन और व्यावसायिक गतिविधियों में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। यह परियोजना शहर के अर्बन ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में नई तकनीक और सुरक्षा मानकों की मिसाल बनेगी।