वन विभाग के लिपिक की हठधर्मिता से टिंबर व्यवसाई का परिवार भुखमरी की कगार पर
वाराणसी (जनवार्ता) : वन विभाग के लिपिक शैलेश मिश्रा की कथित हठधर्मिता के कारण शहर के एक प्रमुख टिंबर व्यवसाई ओम प्रकाश यादव का परिवार आर्थिक संकट और भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है। इस मामले में व्यवसाई ने चार दिन पूर्व कार्यकारी डीएफओ बी. शिवशंकर से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई है।
ओम प्रकाश यादव ने बताया कि उनकी आरा मशीन के सभी वैध दस्तावेज वन विभाग के पास जमा हैं। उच्च न्यायालय के आदेश पर पूर्व डीएफओ संजू सिंह ने आरा मशीन के संचालन की विधिवत अनुमति दी थी, जिसकी प्रति विभागीय पोर्टल और संबंधित डीएफओ को भेजी गई थी। इसके बावजूद, पिछले आठ वर्षों से कार्यालय में जमे लिपिक शैलेश मिश्रा ने कथित तौर पर फाइल को जानबूझकर दबा दिया है। यादव ने आरोप लगाया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आरा मशीन चालू करने के अविलंब आदेश के बावजूद लिपिक अपनी मनमानी कर रहा है, जिससे उनका व्यवसाय ठप हो गया है और परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है।
कार्यकारी डीएफओ ने मामले में निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस मामले ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, और व्यवसाई समुदाय में आक्रोश बढ़ रहा है।