यूपी एटीएस : यूपी एटीएस ने सोनभद्र से दबोचा झारखंड का 5 लाख का मोस्ट वांटेड नक्सली
सोनभद्र (जनवार्ता): उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए झारखंड के कुख्यात नक्सली उमेश खरवार उर्फ नगीना उर्फ डॉक्टर को सोनभद्र जिले से गिरफ्तार कर लिया। इस नक्सली पर झारखंड सरकार ने हाल ही में 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। गिरफ्तारी झारखंड की सीमा से सटे एक गांव में मंगलवार शाम को की गई, जहां वह छिपा हुआ था।

गिरफ्तारी की पूरी कहानी
झारखंड एटीएस को खुफिया जानकारी मिली थी कि नगीना उत्तर प्रदेश में कहीं छिपा हुआ है। इस इनपुट को यूपी एटीएस के साथ साझा किया गया। इसके बाद यूपी एटीएस ने मोबाइल सर्विलांस और अन्य तकनीकी साधनों से नगीना की लोकेशन ट्रैक की। सोनभद्र जिले के झारखंड सीमा से लगे एक गांव में छिपे नगीना को दबोच लिया गया। अपर पुलिस अधीक्षक (ऑपरेशन) त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि यह ऑपरेशन झारखंड पुलिस के सहयोग से अंजाम दिया गया।
नगीना पर झारखंड के पलामू, गढ़वा और लातेहार जिलों में 25 से अधिक नक्सली घटनाओं का आरोप है। वह टीएसपीसी (ट्रायबल्स सेंटर फॉर पीपुल्स कल्चर) नामक नक्सली संगठन से जुड़ा हुआ है। पलामू के छतरपुर थाना प्रभारी प्रशांत प्रसाद ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि विस्तृत जानकारी इकट्ठा की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां नगीना से कड़ी पूछताछ कर रही हैं, ताकि नक्सली नेटवर्क और आगामी साजिशों का पता लगाया जा सके।
पलामू मुठभेड़ से फरार होने का इतिहास
गिरफ्तार नगीना हाल ही में 14 सितंबर को पलामू जिले के मनातू थाना क्षेत्र के सिलदिली इलाके में हुई भीषण मुठभेड़ में शामिल था। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों और टीएसपीसी के नक्सलियों के बीच जमकर गोलीबारी हुई थी। नगीना जंगल का फायदा उठाकर भागने में सफल हो गया था, जबकि उसके साथी और 5 लाख के इनामी नक्सली मुखदेव यादव को सुरक्षाबल मार गिरा चुके थे। इस घटना के बाद नगीना खुफिया एजेंसियों की रडार पर था।
नक्सली का बैकग्राउंड
उमेश खरवार उर्फ नगीना झारखंड के गढ़वा जिले के डंडई थाना क्षेत्र के झलंगी गांव का निवासी है। वह लंबे समय से नक्सली गतिविधियों में सक्रिय है और झारखंड के मोस्ट वांटेड नक्सलियों की सूची में शुमार था। उसकी गिरफ्तारी को नक्सली गिरोहों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में महत्वपूर्ण सफलता माना जा रहा है। वर्तमान में नगीना को लखनऊ ले जाया गया है, जहां से उससे उसके नेटवर्क और अन्य साथियों की जानकारी ली जाएगी।
यह गिरफ्तारी न केवल झारखंड बल्कि पूरे क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ साझा प्रयासों का परिणाम है। पुलिस का कहना है कि इससे नक्सली संगठनों की कमर टूटेगी।

